कोरिया मॉडल अपनाने के लिए हिमाचल तैयार

शिमला  – प्रदेश में कोरिया मॉडल की तर्ज पर कहां कहां विकास किया जा सकता है और किन प्रोजेक्टों पर कोरिया का सहयोग लिया जा सकता है, इस बारे में प्रदेश सरकार ने सभी विभागों की कान्सेप्ट रिपोर्ट तैयार कर केंद्र को भेज दी है। सूत्रों का कहना है कि इस कान्सेप्ट रिपोर्ट में प्रदेश में ग्रीन ग्रोथ, ठोस कचरा प्रबंधन और यातायात व्यवस्थाओं मंे कोरिया मॉडल को अपनाने की संभावनाओं के साथ-साथ विभिन्न विभागों के करीब 80 छोटे-बड़े अधिकारियों के एक्पोजर टूअर की सिफारिश की गई है। नगर निगम की ओर से शिमला में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए जहां सुरंगों और ओवरब्रिज जैसे विकल्पों में सहयोग मांगा गया है, वहीं यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए बसों में सेंसर लगाने, ठोस कचरा प्रबंधन के लिए पायलट प्रोजेक्ट भी इस कान्सेप्ट रिपोर्ट का हिस्सा बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में प्रोजेक्ट को समझने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के एक्सपोजर टूअर की व्यवस्था भी रिपोर्ट का अहम हिस्सा है। जाहिर है कि अगर कोरिया किसी प्रोजेक्ट को लेकर हामी भरता है तो अधिकारियों को एक्सपोजर टूअर के नाम पर एक बार फिर विदेश घूमने का मौका मिलेगा। यह पहला मौका नहीं है, जब सरकारी विभागों के अधिकारी विदेशी दौरे के लिए भूमिका जुटाने में लगे हैं। इससे पहले भी अधिकतर विभागों के अधिकारी विभिन्न प्रोजेक्टों के तहत विदेशी दौरे कर चुके हैं। इसमें ़कृषि विभाग, शहरी विकास विभाग, नगर निगम शिमला, उद्योग विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी प्रोजेक्टों की आड़ में विदेशों की सैर कर चुके हैं। अधिकारियों के इन विदेशी दौरे को लेकर वित्त विभाग को फरमान तक जारी करने पड़े थे कि विदेशी दौरे से पहले अधिकारियों को  वित्त विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। इतना ही नहीं, कार्मिक विभाग ने भी निर्देश जारी किए थे कि सभी विभागों में सचिव स्तर के अधिकारी को सचिवालय में बैठना अनिवार्य होगा। बावजूद इसके कोई भी विदेशी दौरे का मौका नहीं गंवाना चाहता। यही कारण है कि प्रोजेक्ट के साथ-साथ विदेशी दौरे की भी व्यवस्था करने को संबंधित संस्था को पहले स्पष्ट कर दिया जाता है।