वैसे तो उम्र के हर पड़ाव पर मॉडलिंग संभव है। बच्चे भी मॉडल होते हैं और बुजुर्ग भी, पर वयस्क होने के दौरान मॉडल बनने का अपना ही जुनून होता है। उम्र का यह मंजर जोश का जखीरा होता है और इस दौरान उपलब्धियां हासिल करने का अपना ही आनंद है। इसलिए यदि आप ने तय कर लिया है कि आप ने मॉडलिंग के फील्ड को ही करियर के रूप में चुनना है, तो शुरुआत जल्दी करें…
प्रमुख संस्थान
* नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
* नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, गांधीनगर, बंगलूर
* नॉर्थ इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, मोहाली
* पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन, नई दिल्ली
* सिम्बायोसिस इंस्टीच्यूट ऑफ डिजाइन
* जेडी इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन डिजाइन, मुबई
* नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन डिजाइन, चंडीगढ़
* आरके फिल्म्स एंड मीडिया एकेडमी, नई दिल्ली
* एलाइट स्कूल ऑफ मॉडलिंग, नई दिल्ली
* फेस इंस्टीच्यूट दादर, मुंबई
* मेहर भसीन अकादमी, नई दिल्ली
जरूरी तैयारी
इस फील्ड में एंट्री करने के पहले यह जरूरी है कि अपना एक पोर्टफोलियो तैयार कर लें। इसके लिए जरूरी है कि आप किसी प्रोफेशनल फोटोग्राफर के पास जाकर अपनी कुछ अच्छी तस्वीरें खिंचवाएं, ताकि आपका अच्छा पोर्टफोलियो तैयार हो सके। आप इस पोर्टफोलियो को किसी एडवर्टाइजिंग एजेंसी, जरूरत के मुताबिक मॉडलों को उपलब्ध कराने वाली को-ऑर्डिनेटिंग एजेंसी या किसी फैशन डिजाइनर को दिखाकर अपनी मॉडलिंग की राह आगे बढ़ा सकते हैं। मॉडलिंग में विकल्प कई तरह के होते हैं। व्यापक तौर पर इसे रैंप मॉडलिंग, टेलीविजन मॉडलिंग और प्रिंट मॉडलिंग में बांटा जा सकता है।
मॉडलिंग के क्षेत्र
टेलीविजन मॉडलिंग- इसमें आपको मूवी कैमरों के सामने मॉडलिंग करनी पड़ती है। जिसका इस्तेमाल टीवी विज्ञापनों, सिनेमा, वीडियो, इंटरनेट आदि में किया जाता है।
प्रिंट मॉडलिंग- इसमें स्टिल फोटोग्राफर्स मॉडल्स की तस्वीरें उतारते हैं, जिनका इस्तेमाल अखबार, ब्रोशर्स, पत्रिकाओं, कैटलॉग और कैलेंडरों आदि में किया जाता है।
शोरूम मॉडलिंग- शोरूम मॉडल्स आमतौर पर निर्यातकों, गारमेंट निर्माताओं और बड़े रिटेलरों के लिए काम करते हुए खरीददारों के सामने फैशन के नवीनतम रुझानों को प्रदर्शित करते हैं।
रैंप मॉडलिंग- इसमें मॉडल्स को दर्शकों के सामने गारमेंट्स व असेस्रीज प्रदर्शित करनी होती है। यह प्रदर्शनी, फैशन शो या किसी शोरूम की बात भी हो सकती है। रैंप मॉडल की खड़े होने, चलने की शैली और बॉडी लैंग्वेज बेहतर होनी चाहिए।
क्या हों खास गुण
इस करियर में प्रवेश के लिए सबसे पहली शर्त यह है कि आपको अपने शरीर से बेहद प्यार होना चाहिए। आप हमेशा अपनी फिगर को फिट रखें, चेहरा हमेशा ताजगी से भरा रहे, आपमें आत्मविश्वास की कोई कमी न हो, लोगों से संबंध बढ़ाना आपकी खूबी हो। यह पेशा खूब परिश्रम भी मांगता है।
आमदनी कितनी
मॉडलिंग में सैलरी स्केल भी काफी बेहतर है। शुरू-शुरू में आपकी आय 10000 से 15000 रुपए महीने हो सकती है। लेकिन दो-तीन साल में जब आप मॉडलिंग में कुशल हो जाते हैं, तो आय काफी बढ़ जाती है। जब आप इस फील्ड में एक बार जाने-पहचाने नाम बन जाते हैं, तो लाखों में कमाई कर सकते हैं।
क्वालिफिकेशन
एक अच्छा मॉडल बनने के लिए जरूरी है कि आपका चेहरा आकर्षक हो और दूसरों के समक्ष खुद को बेहतर तरीके से पेश करने की काबिलीयत हो।
मॉडल का लंबा होना भी जरूरी है। फैशन इंडस्ट्री में महिलाओं की लंबाई 5 फुट 7 इंच या इससे अधिक, वहीं पुरुष मॉडल की लंबाई 6 फुट या इससे अधिक होनी चाहिए। साथ ही उनका गठीला बदन होना भी जरूरी है। मॉडल के लिए फोटोजेनिक होना आवश्यक है। इसके अलावा, रैंप पर कैटवाक करने, एक्टिंग का ज्ञान होने के साथ कैमरा फ्रेंडली भी होना चाहिए। शिक्षित होना आपके हुनर को और निखारेगा।
दिलाए वैश्विक पहचान
फैशन उद्योग और टेक्सटाइल उद्योग के विकास के कारण मॉडलिंग उद्योग को पंख लगे हैं। इस करियर से मॉडल्स को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। आप अपनी गली-मोहल्ले से निकलकर वैश्विक फलक पर चमकने लगते हैं। यह आपकी काबिलीयत पर निर्भर करता है कि आप इस करियर में अपना विस्तार किस स्तर तक कर सकते हैं। अगर आपमें हुनर है, काबिलीयत है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आप बुलंदियों को छू सकते हैं। एक स्कूल या कालेज से शुरू हुआ मॉडलिंग का सफर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकता है।