चुनावी चटकारे

चुनाव प्रचार से यूपी पुलिस भी दूर नहीं!

लखनऊ- यूपी चुनाव में पुलिस अफसर भी खुलकर पार्टियों का प्रचार कर रहे हैं। कोई व्हाट्सऐप पर प्रचार कर रहा है तो कोई फेसबुक पर बता रहा है कि किस पार्टी की हवा चल रही है। यूपी में पोस्टिंग के लिए पुलिस अफसरों के पार्टी में बंटने की चर्चाएं तो आम हो गई हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि पार्टियों के प्रचार के लिए अफसर यूं खुलकर सामने आ गए हैं।  केस 1-अनूप कुमार एटा में एएसपी क्राइम के पद पर हैं। पहले चरण के मतदान के बाद उन्होंने 11 फरवरी की शाम फेसबुक पर पोस्ट में लिखा कि वेस्ट यूपी में पहले चरण का मतदान हो चुका है। मेरे खयाल से बीएसपी लीड कर रही है, क्योंकि उसको लेकर जबरदस्त अंडर करंट है।  केस दो-औरैया के अजीतमल में तैनात सीओ नरेश यादव व्हाट्सऐप पर एसपी के लिए वोट मांग रहे थे। मामला जानकारी में आया तो पहले जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें चुनाव प्रक्रिया से और फिर चुनाव आयोग के निर्देश पर डीजीपी मुख्यालय ने उन्हें जिला से हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया। केस तीन-मऊ में तैनात दरोगा को वेस्ट यूपी में चुनाव ड्यूटी पर भेजा गया। वहां उसने बीएसपी के लिए व्हाट्सऐप पर वोट मांगने शुरू कर दिए। डीजीपी मुख्यालय की जानकारी में मामला आया तो उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए। पुलिस अफसर भी चुनाव प्रचार से दूर नहीं। पूर्व डीजीपी श्रीराम अरुण कहते हैं कि अफसर ऐसा कर रहे हैं तो सर्विस रूल्स के साथ ही ये आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। महकमे में तैनात एक आला अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि इस बार चुनावों में सभी पार्टियों के अजेंडे में पुलिस अहम है।