जे. कृष्णमूर्ति

जे.कृष्णमूर्ति का जन्म तमिलनाडु के एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में 12 मई, 1895 को हुआ था। अपने माता पिता की आठवीं संतान के रूप में उनका जन्म हुआ था, इसीलिए उनका नाम कृष्णमूर्ति रखा गया। कृष्ण भी वासुदेव की आठवीं संतान थे। वह एक विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक तथा आध्यात्मिक विषयों के बड़े ही कुशल एवं परिपक्वलेखक थे। इन्हें प्रवचनकर्ता के रूप में भी बहुत ख्याति प्राप्त हुई। कृष्णमूर्ति मानसिक क्रांति, बुद्धि की प्रकृति, ध्यान और समाज में सकारात्मक परिवर्तन किस प्रकार लाया जा सकता है, जैसे मूल और गंभीर विषयों के गहरे विशेषज्ञ माने जाते थे…