दुष्प्रचार से बचें

( डा. शिल्पा जैन, वंरगल (तेलंगाना) )

कुछ दिन पहले व्हाट्सऐप पर एक मैसेज बहुत शेयर किया गया। इसमें दो महिलाओं के स्कैच बने हुए थे, साथ में यह संदेश पुलिस की तरफ से था कि उक्त दोनों महिलाएं बच्चा चोर हैं। अतः लोग उनसे सतर्क रहें। जब पुलिस से संपर्क किया गया तो पुलिस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। वहीं वेलेंटाइस डे के दिन यह संदेश प्रचारित किया कि इस दिन भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। अतः अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो इसका विरोध करें, जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हुआ। आए दिन कभी इस उत्पाद में, कभी उस उत्पाद में मिलावट होने, मरा हुआ जानवर होने, कभी पेप्सी, कोक फ्रूटी में एचआईवी कर्मचारियों  का खून होने का मैसेज इधर से उधर होता रहता है। आश्चर्य की बात है कि लोग बिना सोचे-विचारे इन्हें आगे भेजते रहते हैं। हम सब शिक्षित लोग हैं। इस तरह के संदेश भेजने से पहले इनकी सच्चाई परख लें, भेड़चाल का हिस्सा न बनें। सोशल मीडिया का प्रयोग बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए हुआ है। लोगों ने इस मंच का प्रयोग बहुत से अच्छे कामों के लिए भी किया है। इसलिए जरूरी है कि ऐसे भ्रामक संदेशों की चपेट में आने के बजाय और अफवाहों को हवा देने के बजाय वास्तविकता अवश्य परखें। छोटी ही सही, पर एक कोशिश अवश्य करें। सजग रहें, सचेत रहें व ऐसे संदेशों के दुष्प्रचार का हिस्सा न बनें। यहां तक हो सके अच्छे विचारों और जरूरी सूचनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ही सोशल मीडिया का उपयोग करें।