नाइट ड्यूटी में डाक्टरों को मोबाइल

एमर्जेंसी में चिकित्सकों में कम्युनिकेशन गैप खत्म करने की तैयारी

टीएमसी— एमर्जेंसी में नाइट ड्यूटी के दौरान अब डाक्टर आगे-पीछे नहीं जा सकेंगे। टीएमसी प्रशासन ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है, जिससे रेजिडेंट और कंसल्टेंट का आपस में संपर्क बना रहे। दरअसल एमर्जेंसी में जिस दिन जिन डाक्टरों की नाइट शिफ्ट होगी, उन्हें उस रात टीएमसी प्रशासन की ओर से मोबाइल फोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। इनसे डाक्टरों को आपस में बात करने के लिए फ्री कॉल की सुविधा होगी। यानी किसी मरीज की बीमारी से संबंधित अगर किसी डाक्टर ने अपने सीनियर से बात करनी हो तो वह तुरंत कॉल करके उसे बुला सकता है। सीनियर डाक्टर थोड़ा भी आगे-पीछे होंगे, उन्हें मौके पर पहुंचना ही पड़ेगा। मोबाइल में सिम भी उसी कंपनी की होगी, जिसका वहां फुल सिग्नल होगा। यानी अब यह बहाना नहीं चल सकेगा कि सिग्नल न होने के कारण बात नहीं हो पाई। सभी मोबाइल नंबरों की लिस्ट कैजुअल्टी मेडिकल आफिसर के पास होगी।  बता दें कि टीएमसी प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि नाइट ड्यूटी के दौरान स्टाफ गायब रहता है। ऐसे में खासकर मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। इसके अतिरिक्त नाइट के लिए एक व्हीकल और ड्राइवर की व्यवस्था भी की जा रही है। रात को जिस डाक्टर की जरूरत पड़ती है, उसे उस गाड़ी में घर से लाया जाएगा और वापस घर छोड़ा जाएगा। उधर, एमएस डा. विनय महाजन ने कहा कि रात में मरीजों की परेशानियों को देखते हुए एमर्जेंसी में रेजिडेंट और कंसल्टेंट के लिए मोबाइल फोन देने की व्यवस्था की जा रही है। ये मोबाइल फोन केवल रात को एमर्जेंसी में मौजूद स्टाफ को ही दिए जाएंगे।

व्हाट्सऐप की भी होगी सुविधा

इस मोबाइल फोन में व्हाट्सऐप की भी सुविधा होगी। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि यदि कभी किसी कंसल्टेंट को मजबूरी में आगे-पीछे जाना भी पड़े तो रेजिडेंट व्हाट्सऐप के माध्यम से मरीज की रिपोर्ट डाक्टर को दिखाकर परामर्श ले सकता है कि क्या करना है।