पुलिस को अदालती आदेशों का इंतजार

शिमला— कंडक्टर भर्ती में धांधलियों को लेकर मामला दर्ज करने के अदालती आदेश शनिवार को पुलिस तक नहीं पहुंच पाए। पुलिस को इस मामले में अदालती आदेशों का इंतजार रहा। हालांकि शिकायतकर्ताओं ने पुलिस के पास जाकर आदेशों की प्रति जरूर दी परंतु विभागीय प्रोसेस के तहत सीधे अदालत से पुलिस को आदेशों की प्रति नहीं पहुंची थी। इस कारण से शनिवार को कंडक्टर भर्ती के प्रकरण में मामला दर्ज नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि सोमवार तक इस केस में मामला दर्ज कर दिया जाएगा।  अदालत के आदेशों के बाद परिवहन निगम के उन अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, जो कि उस समय सेवारत थे। इसमें एक अधिकारी अभी भी सरकारी सेवा में है, जबकि तीन अन्य अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इन अधिकारियों के साथ परिवहन निगम के वर्तमान अधिकारियों में भी भय का माहौल है। वहीं वर्ष 2003-04 में इस भर्ती के दौरान नौकरी पर लगे कंडक्टरों में भी भय का माहौल है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003-04 में हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा की गई कंडक्टर भर्ती में प्रथम दृष्टि में शिमला की अदालत द्वारा अनियमितताएं व भ्रष्टाचार पाए जाने को लेकर एसएचओ सदर शिमला को एचआरटीसी के खिलाफ  मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।  आरोपकर्ता जय कुमार ने अदालत में जो तथ्य दिए हैं, उनकी बिनाह पर अदालत ने यह एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अब पुलिस इस मामले में आगामी कार्रवाई करेगी, लेकिन शनिवार को उसके द्वारा मामला दर्ज नहीं किया जा सका। बताया जाता है एसएचओ सदर के पास कर्मचारी नेता शंकर सिंह और शिकायतकर्ता जय कुमार अदालत के आदेशों की प्रति लेकर पहुंचे थे, जिसकी पुष्टि एसएचओ ने भी की है । तत्कालीन अधिकारियों पर आरोप है कि इनके रहते परिवहन निगम ने 200 प्वाइंट रोस्टर को भी भर्ती प्रक्रिया में नहीं अपनाया। डिवीजन स्तर पर दिखाई गई मैरिट सूचियों पर किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। जिन 365 उम्मीदवारों को चुना गया, वे ही 55 अंकों में से नौकरी पाने के लिए 35 अंक प्राप्त कर पाए, जबकि 14 हजार उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा पास करके इंटरव्यू में भाग लिया था।  आरोप ये भी थे कि भर्ती की कोई भी प्रतीक्षा सूची नहीं बनाई गई थी। बावजूद इसके 13 अन्य उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान कर दी गई।  यही नहीं चयनित 12 उम्मीदवारों के साक्षात्कार से संबंधित शीट्स में कटिंग भी पाई गई। उनमें से 7 नगरोटा-बगवां क्षेत्र से थे। आरोप ये भी था कि धर्मशाला डिवीजन में चयनित किए गए कुल 147 उम्मीदवारों में से 73 चयनित उम्मीदवार नगरोटा बगवां विधानसभा   से थे, जबकि रोहड़ू से 50 उम्मीदवार भर्ती किए गए थे।