पेंशनरों के लिए सरकार की घोषणाएं कोरी

सुंदरनगर — चार साल से पेंशनरों की लंबित पड़ी मांगांे के ऊपर प्रदेश सरकार ने कोई ध्यान केंद्रित नहीं किया है और मूकदर्शक साबित हुई है। जो भी घोषणाएं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पेंशनरों के लिए की हैं, वे आज तक मात्र कोरी घोषणाएं ही साबित हुई हैं। ये शब्द हिमाचल पेंशनर्ज कल्याण संघ के अध्यक्ष भवानी दत्त शर्मा ने कहे। उन्होंने सीएम वीरभद्र सिंह से आस लगाई है कि लंबित मांगों को समय रहते पूरा कर दिया जाए, अन्यथा विस चुनावों में कांग्रेस सरकार को इसके विपरित परिणाम भुगतन को मिलेंगे।  उन्होंने कहा कि पेंशनरों को पांच, दस व 15 प्रतिशत मूल वेतन में शामिल करने की अधिसूचना आज दिन तक जारी नहीं हुई है। प्रदेश सरकार पेंशनरों के साथ ठगी करती आई है और मांगों को पूरा करने के लिए सौतेला व्यवहार किया गया है, जिसे पेंशनर किसी भी सूरत में यह अपमान सहन नहीं करेंगे। इस बात को लेकर पेंशनरों में भारी आक्रोश व्याप्त है। श्री शर्मा का कहना है कि आनन-फानन में अगर कोई मांगें मानी भी गई हैं तो वर्तमान में वह मात्र ख्याली पुलाव ही साबित हुए हैं। धरातल में कोई भी मांग पूरी नहीं हुई है। बिजली बोर्ड, हिमाचल पथ परिवहन निगम समेत अन्य विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को बकाया राशि तक का भुगतान समय पर नहीं होता है। वहीं किडनी, हृदय रोग के अलावा अन्य गंभीर रोगों से ग्रस्त पीडि़त पेंशनरों के मेडिकल बिल लंबे अरसे से लंबित पड़े हैं। इनका भी भुगतान करवाने में प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।