प्रवचनों से निहाल होगी संगत

यमुनानगर के दयानंद महाविद्यालय में वैदिक सत्संग कल से 

यमुनानगर — आर्य समाज की मान्यताओं का मुख्य आधार वेद है। इसके संस्थापक ऋषि दयानंद स्वरस्वती और आर्य समाज वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तक है। स्वामी दयानंद ने वेद का पुनरुद्धार किया। इस प्रकार आर्य समाज वैदिक धर्म की उद्धारक, प्रचारक एवं प्रसारक संस्था है। ऋषि दयानंद के आदर्शों और वेद व मान्यताओं के आधार पर श्रीमद् उपनिदेशक दयानंद महाविद्यालय की स्थापना की गई, जहां स्वामी आत्मानंद की तपोभूमि में 18 व 19 फरवरी को वैदिक सत्संग एवं वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जानकारी देते हुए संस्था की संरक्षिका कमला वर्मा ने बताया कि उक्त समारोह में आर्यजगत के सुप्रसिद्ध स्वामी विदेह योगी और आचार्य संजय याज्ञिक भजनोदेशक ओमबी आर्य श्रद्धालुओं को अपने वैदिक वचनों से निहाल करेंगे। कमला वर्मा ने बताया कि इस वैदिक समारोह में हजारों की संख्या में लोग भाग लेकर गरिमा बढ़ाएंगे। इन दो दिनों में यज्ञ, भजन और प्रवचनों की वर्षा होगी। 19 फरवरी को आठ बजे प्रातः से 12 बजे तक यज्ञ, भजन, प्रवचन और 12 बजे से 1ः30 बजे तक भव्य आसन एवं व्यायाम प्रदर्शन और सुंदर-नवीनकला का प्रदर्शन होगा, जो काबिले तारीफ होगा। इसमें आचार्य रणवीर शास्त्री की अहम भूमिका रहेगी।

नोडल अधिकारी का  विवरण दें विभाग

देहरादून- आगामी 21 फरवरी को पीएफएमएस के संबंध में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें अपर विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारी को नोडल आफिसर नामित किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए सचिव वित्त अमित नेगी ने बताया कि 18 फरवरी तक सभी विभाग नोडल अधिकारी का पूरा विवरण दें। प्रशिक्षण सचिवालय में 10:30 प्रातः से सायं पांच बजे तक होगा।