कई चोरियों में रहा है हाथ
एडिशनल एसपी भजन नेगी ने गिरोह के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चोर गिरोह का बिलासपुर सहित कई अन्य चोरियों में भी हाथ रहा है। गिरोह बड़े प्रोफेशनल तरीके से चोरी को अंजाम देता है। पुलिस चोरी का सामान न पकड़ पाए, इसके लिए बोलेरो आगे भेजी जाती है। यदि पुलिस आगे हो तो बाकी गाडि़यों में बैठे सदस्यों को इसकी सूचना दी जाती है। इस तरह यह गिरोह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाता।
सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुलझी डकैती
बीसीएस में लगे सीसीटीवी कैमरे में रात करीब 3.24 बजे दो एक बोलेरो व दो पिकअप कैद हुई जो कि इन तांबे के रोल को भरकर ले जा रही थीं। हालांकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में इन गाडि़यों के नंबर नहीं दिख पाए थे। वहीं शोघी में लगे सीसीटीवी कैमरों में ये गाडि़यां कैद नहीं हुईं। ऐसे में यह पूरी संभावना थी कि ये गाडि़यां चक्कर की ओर से गई थीं। इसके बाद पुलिस ने सभी रूटों के सीसीटीवी भी खंगाले। शातिरों के टुटू-नालागढ़ रोड से फरार होने का अंदेशा भी था तो इस रोड पर भी जांच की गई। इसके बाद चमाकड़ी पुल, जुखाला में सीसीटीवी कैमरों में यह गाडि़यां कैद हो गई थीं। घाघस के आगे जड़ोल के पास भी गाडि़यों के गुरजने से सबूत मिले। इसके बाद पुलिस को लीड मिली और बल्ह के मल्थेड़ में चोरी में इस्तेमाल की गई बोलेरो पकड़ी। इसके बाद बाकी दो पिकअप भी पकड़ीं। वहीं,एक कैंटर भी पकड़ा,जिसमें रद्दी के नीचे तांबे की तारें रखी गई थीं। पुलिस को जंगल में छुपाई तारें भी मिलीं।