भागवान नाम की नर्तकी से पड़ा नगरोटा का नाम

नगरोटा बगवां की स्थापना भागवान नाम की एक नर्तकी द्वारा की गई और उसने एक देवालय (मंदिर) भी बनवाया था। गुरुद्वारा पौड साहिब भी यहां स्थित है। यह गुरुद्वारा 1708 ई. में दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह की पवित्र याद में बनाया गया था…

नगरोटा बगवां

नगरोटा बगवां की स्थापना भागवान नाम की एक नर्तकी द्वारा की गई और उसने एक देवालय (मंदिर)भी बनवाया था। गुरुद्वारा पौड साहिब भी यहां स्थित है। यह गुरुद्वारा 1708 ई. में दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह की पवित्र याद में बनाया गया था। इसका निर्माण मुगल और सिखों के बीच नादौन के युद्ध के बाद करवाया गया, जिसमें आलफ खान को गुरु गोबिंद सिंह द्वारा हराया गया था। प्रसिद्ध कन्या देवी का मंदिर भी यहां स्थित है।

नग्गर

यह ब्यास के बाएं किनारे पर स्थित है। यह 1400 वर्षों तक कुल्लू की राजधानी रहा। यहां पर बड़ी संख्या में प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें स्मरणीय विष्णु, त्रिपुरा सुंदरी और  भगवान कृष्ण के हैं। रौरिक कला संग्रहालय, जिसमें निकोलस रौरिक की चित्रकारी और उसकी संगतराशी, किले (महल) से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है। चायल के महल के बाद 23 अगस्त, 2012 ई. को हेरिटेज होटल का दर्जा प्राप्त करने वाला नग्गर का किला (महल)हिमाचल पर्यटन का दूसरा होटल बन गया।

नालदेहरा

शिमला मंडी मार्ग पर स्थित शिमला से 25 किलोमीटर की दूरी पर एक रमणीय,  द वंडरलैंड हिमाचल प्रदेश सुंदर व शांत पर्यटक स्थल और गोल्फ खेलने के लिए शिमला में एकमात्र जगह ‘नालदेहरा’, लंबे-लंबे देवदार के वृक्षों से घिरा और हरी घास में लिपटा यह पर्यटक स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल है। सर्वप्रथम 1905 में ‘लार्ड कर्जन’ ने नालदेहरा में गोल्फ खेला, 1905 से गोेल्फ खेल का आरंभ जो यहां हुआ, वह आज भी अपनी चरम सीमा पर जारी है। हिमाचल प्रदेश के निर्माता  डा. यशवंत सिंह परमार भी नालदेहरा में गोल्फ खेला करते थे और आज यहां पर बड़े-बड़े सैन्य अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी व प्रतिष्ठित लोगों द्वारा गोल्फ खेला जाता है। यहां पर मुख्य मार्ग के साथ एक स्थानीय देवता का मंदिर है। इसी मंदिर के आध्ार पर यहां का नाम नालदेहरा पड़ा। हिमाचल प्रदेश टूरिज्म विभाग ने यहां पर एक रेस्टोरेंट खोला है और गोल्फ को संचलित करने के लिए क्लव भी बना है। जिसमें 300 के लगभग सदस्य हैं। नालदेहरा में हर समय व हर मौसम में पर्यटक आते हैं। यह स्थान प्रदूषण से मुक्त व चहल-पहल से मुक्त शांत, सुंदर एवं मनमोहक स्थल है। फिल्म निर्माता भी अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए इस स्थान पर आते हैं। सैलानियों के लिए आकर्षण का यह मुख्य स्थल है।