मैप और आंकड़ों की समझ जरूरी

डा. डीडी शर्मा ज्योग्राफी विभाग एचपीयू शिमला

ज्योग्राफी में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने डीडी शर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

ज्योग्राफी विषय का करियर में क्या स्कोप है?

आज  के दौर में जहां छात्रों को नए-नए विषयों में अपना करियर बनाने के अवसर मिल रहे है, वहीं अब ज्योग्राफी केवल ट्रेडिशनल सब्जेक्ट बनकर नहीं रह गया है। इसमें करियर की दृष्टि से भी संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस विषय में पृथ्वी की सरंचना को लेकर एक ज्योग्राफर की भूमिका किसी साइंटिस्ट से कम नहीं है।

इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या है?

ज्योग्राफी विषय में करियर बनाने वाले छात्रों के लिए पीएचडी लेवल तक के कोर्स मौजूद हैं। बारहवीं के बाद छात्र बीए, बीएससी में दाखिला लेकर उसके बाद एमएससी में दाखिला लेने के योग्य हो जाता है। इसके बाद पीएचडी एमफिल और पीएचडी इस विषय में की जा सकती है। इसके साथ ही ज्योग्राफी में रिमोट सेंसिंग में डिप्लोमा भी करवाया जाता है।

कौन से स्पेशल कोर्स इस फील्ड में किए जा सकते है?

बीए, बीएससी ज्योग्राफी,  एमएससी, एमएससी ज्योइन्फार्मेटिक्स, पीएचडी, ज्योमेग्नेटिज्म के अलावा सर्टिफिकेट कोर्स में  ज्योइन्फार्मेटिक्स एंड सेंसिंग और पीजी डिप्लोमा इन ज्योग्राफिकल कार्टोग्राफी में किया जा सकता है।

रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं?

कार्टोग्राफर, सर्वेयर, ड्राफ्टर,गवर्नमेंट इंप्लॉयर, अर्बन रिजनल प्लानर, जीआईएस स्पेशलिस्ट, क्लाइमैटोलॉजिस्ट, ट्रांसपोर्टेशन मैनेजर, एन्वायरनमेंट मैनजर, साइंस राइटर, रिसर्चर या अध्यापन में करियर बनाया जा सकता है ।

आरंभिक आय कितनी होती है?

भूगोल में विभिन्न क्षेत्रों में देश व विदेश में काम मिलता है। काम के अनुभव व संस्थान के हिसाब से ही उन्हें आय भी दी जाती है। सरकारी एजेंसियों की तुलना में प्राइवेट संस्थान प्रोफेशनल को अधिक वेतन देते हैं। शुरुआती चरण में 15 से 20 हजार रुपए वेतन मिलता है। उसके बाद वेतन 30 से 35 हजार और अच्छे पदों पर वेतन 1 लाख से ऊपर दिया जाता है।

जो युवा इस फील्ड में आना चाहते है उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

इस फील्ड में आने वाले युवाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस विषय को भलीभांति समझने की है। भूगोल विषय में मानचित्र को समझना ही इस विषय को समझना है। यह जरूरी है कि एक भूगोल का छात्र मैपिंग को अच्छी तरह से समझे और इस विषय में ऊंचाइयों को छू सके।

युवाओं के लिए कोई प्रेरणा संदेश है।

ज्योग्राफी को करियर के रूप में अपनाने वाले छात्रों को यही संदेश है कि वे इस विषय को विकल्प के तौर पर नहीं करियर की दृष्टि से अपनाएं। इस कोर्स में आने वाले छात्रों को कम्प्यूटर ज्ञान के साथ लॉजिकल व एनॉलिटिकल थिंकिंग, अच्छी कम्युनिकेशन स्किल, आंकड़ों व समस्याओं को सुलझाने के कौशल को बढ़ावा देना चाहिए।

— भावना शर्मा, शिमला