रिपोर्ट न देने पर अब कसेंगे तमाम जिलाधीश

बेनामी संपत्तियों का मामला

शिमला – चार साल से जिलाधीशों से बेनामी संपत्तियों के मामले में रिपोर्ट मांगने वाली सरकार को रिपोर्ट हासिल नहीं हो सकी है। बार-बार राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर के निर्देशों पर रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं, लेकिन जिलाधीशों की तरफ से कोई गौर नहीं किया जा रहा। अबकी बार एक दफा फिर से बेनामी संपत्तियां रखने वालों का ब्यौरा मांगा गया है ,लेकिन इस दफा जिलाधीश अपनी रिपोर्ट एक महीने के भीतर नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस संबंध में राजस्व विभाग सरकार को लिखित रूप में जिलाधीशों पर कार्रवाई के बारे में लिखेगा। अंततः जिलाधीशों को ही इस संबंध में कार्रवाई करनी है परंतु वह सरकार के निर्देशों पर भी कुछ नहीं कर रहे। अभी तक उनके द्वारा रिपोर्ट तक नहीं बनाई जा सकी है जिससे चुनावी साल में सरकार से जवाब मांगा जाएगा। माना जा रहा है कि इस मामले में विपक्ष बजट सत्र में भी चर्चा करेगा और सरकार से जवाब मांगा जाएगा। ऐसे में राजस्व विभाग ने जिलाधीशों से जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। चार साल पहले कांग्रेस ने बेनामी संपत्तियों को लेकर खूब हो-हल्ला मचाया था और इसका पूरा ब्यौरा लेकर सार्वजनिक करने की बात कही थी। कांग्रेस सरकार ने बेनामी संपत्तियां रखने वालों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। यहां तक की उसके चुनावी मुद्दे में डीएलएफ का मामला भी था जिसने शिमला में रिजॉर्ट बनाए हैं। इस मामले को खूब राजनीतिक रंग दिया गया था लेकिन वर्तमान में चार साल का कार्यकाल होने पर भी सरकार कुछ नहीं कर पाई है। इन हालातों में चाहे न  चाहे सरकार से जवाब मांगेगा और इस पर जवाब देना सरकार को मुश्किल होगा। बताया जाता है कि हाल ही में एक दफा फिर से रिमाइंडर भेजते हुए जिलाधीशों पर कार्रवाई किए जाने के बारे में कहा है। अब देखना होगा कि जिलाधीश इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं।  प्रदेश में बेनामी संपतियां बड़े पैमाने पर हैं। बाहर के लोगों ने यहां के लोगों के नाम पर जमीनें खरीद रखी हैं और उनपर कब्जा जमाए बैठे हैं। क्योंकि धारा 118 का उल्लंघन करके ये लोग जमीन नहीं ले सकते थे, लिहाजा दूसरों के नाम पर संपत्तियां जुटाई गई हैं। बाहरी राज्य के एक सांसद का मामला भी यहां पर सामने आ चुका है जिसमें कार्रवाई चल रही है। इस तरह से बड़ी मछलियां इसमें अंदरखाते फंसी हुई हैं और उनका दवाब भी सरकार पर हो सकता है। राजस्व मंत्री कौल सिंह के मुताबिक  तीन-चार जिलों की रिपोर्ट मिली है शेष के लिए फिर रिमाइंडर भेजा गया है। रिपोर्ट नहीं देने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।