‘शशि’ की ‘कलाओं’ पर पानी

भ्रष्टाचार पर साढ़े तीन साल की जेल, दस साल नहीं लड़ पाएंगी चुनाव

नई दिल्ली— उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने (डीए) के मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता की सह-आरोपी वीके शशिकला एवं दो अन्य आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार दिया और बाकी की सजा पूरी करने का आदेश दिया। इस केस में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता मुख्य अभियुक्त थीं, लेकिन दो महीने पहले उनकी मौत के बाद कोर्ट ने उन पर फैसला नहीं सुनाया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिवंगत जयललिता पर सख्त टिप्पणियां कीं। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की पीठ ने इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए राज्य सरकार की अपील स्वीकार कर ली तथा शशिकला, इलावारसी एवं सुधाकरन को दोषी ठहराया। न्यायालय ने अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला को तत्काल आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि तीनों दोषियों को जेल की सजा की अवधि पूरी करनी होगी। कर्नाटक की विशेष अदालत ने जयललिता, शशिकला एवं दो अन्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए चार-चार साल कैद की सजा सुनाई थी, जिसे कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ कर्नाटक सरकार एवं अन्य याचियों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। शशिकला छह माह जेल काट चुकी हैं और उन्हें अब साढ़े तीन साल और कैद में बिताने होंगे। शीर्ष न्यायालय के इस फैसले के साथ ही सुश्री शशिकला करीब दस साल तक सक्रिय राजनीति से अलग रहेंगी, क्योंकि लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार, सजा पूरी करने के छह साल बाद तक वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। सन 1991-1996 के बीच सुश्री जयललिता के मुख्यमंत्री रहते समय आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति (66 करोड़ रुपए) अर्जित करने के मामले में सितंबर 2014 में बंगलूर की विशेष अदालत ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार-चार साल की सजा और 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। इस मामले में शशिकला को उकसाने और साजिश रचने का दोषी करार दिया गया था, लेकिन मई 2015 में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सभी को बरी कर दिया था। इसके बाद कर्नाटक सरकार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता के अनबझगन और भारतीय जनता पार्टी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। इनकी दलील थी कि उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में अंकगणितीय भूल की थी। शीर्ष अदालत ने चार महीने की सुनवाई के बाद पिछले साल जून में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उल्लेखनीय है कि डीए मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए इसे कर्नाटक स्थानांतरित किया गया था। उधर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा शशिकला को चार साल की सजा सुनाने के बाद पार्टी ने शशिकला के करीबी ई पलनिसामी को विधायक दल का नया नेता चुना। इसके साथ ही पन्नीरसेल्वम सहित उनके समर्थक कुल 20 लोगों को पार्टी से बर्खास्त किया गया है। बर्खास्त किए गए लोगों में स्कूल शिक्षा मंत्री मा फोई पांडियाराजन, पूर्व मंत्री सी पोन्नियन, के पी कुनुसामी, नाथम आर विश्वनाथम, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पीएच पांडियन और उनके पुत्र पूर्व राज्यसभा सदस्य मनोज पांडियन आदि शामिल हैं। इसके बाद तमिलनाडु के लोक निर्माण मंत्री ई पलनिसामी ने मंगलवार शाम को राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया है। उन्होंने अपने साथ 124 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया है। पलनिसामी और राज्यपाल राव की मुलाकात करीब 10 मिनट तक चली।