अच्छे शोध पत्रों पर छपेगी किताब

लोगों तक पहुंचेगा घुमारवीं कालेज के सेमिनार में महिला संघर्ष पर हुआ मंथन

घुमारवीं —  राजकीय स्वामी विवेकानंद कालेज घुमारवीं में महिला और संघर्ष पर किया मंथन अब लोगों तक पहुंचेगा। कालेज में बेहतर शोध पत्र किताब में कैद किए जाएंगे। नेशनल सेमिनार में प्रस्तुत अच्छे शोध पत्रों की किताब छापी जाएगी। छपने के बाद यह किताब यूनिवर्सिटी, कालेज की लाइब्रेरियों सहित लोगों के लिए मार्केट में भी उपलब्ध रहेगी। राजकीय स्वामी विवेकानंद कालेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में पढ़े गए शोध पत्रों की सारी  रिपोर्ट आईसीएसएसआर नई दिल्ली को भेजी जाएगी, जिसके बाद बेहतरीन शोध पत्रों को किताब के तौर पर मार्केट में बेचा जाएगा। जानकारी के मुताबिक राजकीय स्वामी विवेकानंद कालेज घुमारवीं में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में देश भर के करीब 135 शोधकर्ताओं ने महिला और संघर्ष पर शोध पत्र पढ़े। इनमें 45 स्थानीय तथा 90 शोधकर्ता देश की विभिन्न यूनिवर्सिटी व कालेजों से पहुंचे थे। अब इन शोध पत्रों की एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट के बाद एडवाइजरी कमेटी किताब में छपने वाले शोध पत्र का चयन करेगी। इन चयनित शोध पत्रों का रिव्यू होने के बाद इन्हें एक किताब के तौर पर छापा जाएगा। सेमिनार में बाल विवाह, महिला मानवाधिकार, अपहरण, शारीरिक उत्पीड़न, कार्यस्थालों पर हो रहे भेदभाव मलि अपराधों में हो रही बढ़ोतरी आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। राष्ट्रीय सेमिनार में प्रस्तुत एक सर्वे के अनुसार 18 वर्ष के कम आयु की लड़कियों के विवाह का प्रतिशत 38 है। सेमिनार में पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा व हिमाचल सहित अन्य राज्यों से शोधकर्ताओं ने भाग लिया।

33 के बजाय हो 50 फीसदी आरक्षण

सेमिनार में शोधकर्ताओं ने कहा कि महिलाएं अपने पर हो रहे अत्याचार रोक सकती हैं। महिलाओं को 33 की बजाय 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए, तभी देश की आधी आबादी को सशक्त किया जा सकता है। खबर की पुष्टि सह संयोजक प्रो.राजकुमारी ने की है।