अवैध कब्जों पर अब सात मार्च को सुनवाई

शिमला— वन भूमि पर अवैध कब्जा कर बागीचे विकसित करने के मामले में वन विभाग ने स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से हाई कोर्ट को बताया कि 15 फरवरी तक 10 बीघा से ज्यादा भूमि कब्जा करने 2538 मामलों में 2526 प्राथमिकियां विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज की गई हैं। इनमें 2522 मामले न्यायिक दंडाधिकारियों के समक्ष पेश कर दिए गए हैं। 1811 मामले विभिन्न वन मंडलाधिकारियों के समक्ष  दायर किए गए ,जिनमें 1416 मामलों में बेदखली आदेश पारित किए गए। 933 मामलों में 867 हेक्टेयर से अधिक भूमि कब्जा मुक्त करवा ली गई है। 10 बीघा से कम कब्जे के मामलों की संख्या 15 फरवरी तक 10545 पाई गई, जिनमें 6593 मामलों में 1340 हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त करवा ली गई है। सबसे ज्यादा मामले शिमला जिला में पाए गए हैं, जबकि दूसरे स्थान पर कुल्लू में वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। शिमला में 3280, कुल्लू में 2392, कांगड़ा में 1757, मंडी 1218, चंबा में 644, सिरमौर में 540 व सोलन में 120 मामले ऐसे पकड़े गए हैं, जिनमें लोगों ने 10 बीघा से कम भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारियों के समक्ष 4303 मामले दायर किए गए जिनमें 1446 में अंतिम आदेश पारित किए जा चुके हैं।  इन अधिकारियों द्वारा दायर की गई उपरोक्त स्टेटस रिपोर्ट  रिकार्ड पर न होने के कारण इस मामले की सुनवाई सात मार्च के लिए टल गई।