आम रोग है एनीमिया

एनीमिया हमारे देश की बड़ी समस्या है। दो से तीन चैथाई लोग एनीमिया से पीडि़त हैं। इसमें हर वर्ग तथा उम्र के लोग शामिल हैं, लेकिन साधारण जानकारियों के अनुसार इससे बचा जा सकता है। एनीमिया अर्थात रक्त अल्पता किसी बीमारी का नाम नहीं वरन लक्षण मात्र है। जिसमें हिमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होने की वजह से शरीर में तरह-तरह की परेशानियां उत्पन्न होती हैं। स्वस्थ पुरुषों में सामान्यतः 13-16 ग्राम प्रतिशत तथा स्त्रियों में 12-14 ग्राम प्रतिशत हिमोग्लोबिन होता है। यदि हिमोग्लोबिन इससे कम हो जाए तो उसे एनीमिया कहते हैं, इससे कमजोरी आ जाती है। भूख कम हो जाती है, खाना अच्छा नहीं लगता, याददाश्त व एकाग्रता में कम आ जाती है। हिमोग्लोबिन जितना कम होगा, शारीरिक परेशानी उतनी अधिक होगी जांच के द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं में बढ़ोतरी आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड, पायरीडाक्सिन बी-6, प्रोटीन आदि से हो सकती है। एनीमिया का प्रमुख कारण आयरन अर्थात लौह तत्त्व की कमी है। लौह तत्त्व शरीर के लिए बहुत आवश्यक है, यह हिमोग्लोबिन के अलावा कई प्रकार के एनजाइम्स के लिए भी जरूरी है। भोजन में आयरन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। जैसे गुड़ में चीनी की अपेक्षा आयरन बहुत अधिक होता है। खजूर, धनिया बीज, मेथी बीज, आयरन के अच्छे स्रोत हैं। आयरन द्वारा एनीमिया का समुचित उपचार किया जा सकता है। इसकी कमी आयरन की गोली से भी हो सकती है। इसकी पूरी खुराक लेनी चाहिए। पूरा कोर्स करना चाहिए।  शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए चुकंदर सबसे अच्छा खाद्य प्रदार्थ है। चुकंदर पोषक तत्त्वों की खान है। इसमें आयरन, फॉलिक एसिड, फाइबर और पोटाशियम   सही मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि करती है। इसके अलावा अनार हिमोग्लोबिन बढ़ाने में बहुत लाभकारी होता है। अनार में आयरन और कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे तत्त्व होते हैं, जिनसे शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में मदद मिलती है।