आस्था

सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है। शास्त्रों में इस तिथि को श्री राधाजी का प्राकट्य दिवस माना गया है। श्री राधाजी वृषभानु की यज्ञ भूमि से प्रकट हुई थीं।

हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान राम, विष्णु के मानव अवतार थे। इस अवतार का उद्देश्य मृत्युलोक में मानवजाति को आदर्श जीवन के लिए मार्गदर्शन देना था। अंतत: श्रीराम ने राक्षसों के राजा रावण का वध किया और धर्म की पुनस्र्थापना की।

भारत देश के किसी भी कोने में जाएं, कोई न कोई मंदिर मिल ही जाता है और इन मंदिरों से जुड़ी खास बात तो ये होती है कि इनसे जुड़े कुछ ऐसे रहस्य होते हैं, जिनके बारे में जानकर कोई भी व्यक्ति हैरान हो सकता है।

उत्तराखंड में नंदा देवी महोत्सव हर साल बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। आस्था और भक्ति का प्रतीक यह मेला तीन से चार दिन तक मनाया जाता है। महोत्सव का शुभारंभ पंचमी तिथि से किया जाता है।

ऋषि पंचमी का व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सम्पादित होता है। प्रथमत: यह सभी वर्णों के पुरुषों के लिए प्रतिपादित था, किन्तु अब यह अधिकांश में नारियों द्वारा किया जाता है।

भारत में अनेक मंदिर हंै, जिनसे जुड़े कई रहस्य मौजूद है। वहीं, भारत के उत्तर प्रदेश में बसा ब्रज धाम यानी कि कृष्ण नगरी भी कम रहस्यों से जुड़ी हुई नहीं है। ब्रज क्षेत्र को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थापित मंदिर जितने प्राचीन हैं

8 सितंबर रविवार, भाद्रपद, शुक्लपक्ष, पंचमी, ऋषि पंचमी

जे.पी. शर्मा, मनोवैज्ञानिक नीलकंठ, मेन बाजार ऊना मो. 9816168952 पूर्व कालखंडो में पुरातन जीवनशैली की एक अनूठी व सरीखी मनभावन उमंग हुआ करती थी, जो उच्च संवेदनाओं एवं मानवीय मूल्यों से सराबोर होती थी। मर्दों का व्यावसायिक कार्य के उपरांत चौपालों, नुक्कड़ों, धार्मिक स्थलों में बैठकर गुणात्मक चर्चाएं करना, औरतों का घर गृहस्थी के कामों

स्वामी रामस्वरूप अत: श्री कृष्ण महाराज ने भी ब्रह्मावस्था में इस श्लोक में भी निराकार परमेश्वर द्वारा सृष्टि रचना, पालना एवं संहार का ही संदेश दिया है। अर्थात समझाया है कि कर्मानुसार समय आने पर प्राणी की मृत्यु निश्चित है… गतांक से आगे… वेद, शास्त्र आदि सद्ग्रंथों द्वारा यह स्पष्ट है कि जन्म एवं काल