एचपीसीए मामले पर अभी फैसला सुरक्षित

शिमला – हाई कोर्ट ने एचपीसीए मामले में दर्ज आपराधिक मामले रद्द करने की गुहार को लेकर दायर याचिका में फैसला सुरक्षित रखा है। न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान की अदालत में यह मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए रखा गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात इस मामले में निर्णय सुरक्षित रखा। मामले में कथित संलिप्तता के चलते विजिलेंस विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एचपीसीए पदाधिकारियों के खिलाफ धर्मशाला स्थित सतर्कता एवं एंटी क्रप्शन ब्यूरो पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में आरोप है कि पदाधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है। धर्मशाला क्रिकेट मैदान के साथ लगते पुराने कालेज को गैरकानूनी ढंग से गिराया गया। इस मामले में दलील दी गई कि प्रार्थियों के विरुद्ध किसी भी दृष्टिकोण से आपराधिक मामला नहीं बनता, इसलिए इसे रद्द किया जाए। दूसरी ओर सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता ने कहा कि प्रार्थियों के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है, जो कि ट्रायल में ही साबित हो सकता है, इसलिए इसे रद्द न किया जाए।