कीमोथैरेपी राहत का नया तरीका

कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिसका यदि समय रहते पता न चले या फिर इस बीमारी को जड़ से खत्म न किया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। कैंसर सैल्स को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कीमोथैरेपी की जाती है। यह थैरेपी कैंसर के सैल्स को शरीर के दूसरे हिस्से में फैलने से रोकती है। कीमोथैरेपी के दौरान मरीज की स्थिति बहुत ही दर्दनाक हो जाती है। सिर पर से बालों का उड़ जाना, मुंह में छाले हो जाना, खाने-पीने में दिक्कत ऐसी कई समस्याएं कीमोथैरेपी के दौरान व्यक्ति को झेलनी पड़ती हैं,जो कि बहुत ही कष्टकारी होती हैं। ऐसे में हर कोई चाहता है कि उन्हें किसी तरह से इस दर्द से राहत मिल सके। एक शोध के अनुसार दूध में पाया जाने वाला एक विटामिन कीमोथैरेपी दवाओं की वजह से होने वाले दर्द को रोकने और इलाज में उपयोगी हो सकता है। कीमोथैरेपी की  प्रक्रिया में इस्तेमाल की जानी वाली दवाओं के कई दुष्प्रभाव भी होते हैं। जिस वजह से मरीज को असहनीय दर्द होता है। शोधकर्ताओं ने दूध में मौजूद निकोटिनामाइड रिबोसाइड के प्रभाव का अध्ययन किया। यह विटामिन बी- 3 का एक प्रकार है। कीमोथैरेपी के दौरान हाथों-पैरों की कमजोरी, सुन्नता और दर्द को दूर करने के लिए अपने रूटीन में व्यायाम को भी जगह दें। अमरीका में यूनिवर्सिटी ऑफ  रोचेस्टर विल्मट कैंसर इंस्टीच्यूट से इस अध्ययन के मुख्य लेखक इयान क्लेकनर ने कहा, व्यायाम करने वाले रोगियों ने महत्त्वपूर्ण रूप से न्यूरोपैथी लक्षणों जैसे जलन, दर्द, झुनझुनी और ठंड के प्रति संवेदनशीलता का कम अनुभव किया। वहीं इस दौरान वृद्ध रोगियों पर भी व्यायाम का काफी असर देखने को मिला।