घर-घर से गुच्छी बटोरेंगे कारोबारी

इस साल कम उत्पादन के चलते व्यापारियों का फैसला

भुंतर —  प्रदेश के जंगलों में उगी गुच्छी को खरीददार तैयार हो गए हैं। लोकल से लेकर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के खरीददार कीमती जंगली बूटी गुच्छी की खरीद के लिए मार्केट में उतर आए हैं और घर-घर जाकर इसकी खरीददारी करेंगे। खरीददारों की तैयारियों ने गुच्छी का कारोबार करने वाले ग्रामीणों में नया उत्साह भर दिया है तो उन्हें इस बार बेहतर दाम की आस नजर आने लगी है। प्रदेश में गुच्छी का कारोबार 50 से 70 करोड़ तक सालाना रहता है। बता दें कि साल 2014 व 15 में गुच्छी के दामों में भारी उछाल आया था। इस दौरान लोकल मार्केट में ही गुच्छी तो 15,000 रुपए प्रति किलो तक के दाम मिले थे तो इस कारोबार से जुड़े ग्रामीणों ने खूब चांदी कूटी थी, लेकिन पिछले साल अचानक गुच्छी के दाम गिरकर छह हजार प्रति किलो तक गिर गए, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। दामों में असमानता ने अब गुच्छी एकत्रित करने वाले ग्रामीणों को इस बार भी असमंजस की स्थिति में धकेल दिया है। हालांकि इस बार गुच्छी का उत्पादन बहुत कम बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार गलत तरीके से गुच्छी को तोड़ने के कारण यह अनुकूल मौसम के बाबजूद उग नहीं रही है। इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करने की वकालत वैज्ञानिकों ने की है। जानकारी के अनुसार मार्च के अंत तक गुच्छी का सीजन चरम पहुंच जाता था, लेकिन इस बार अभी बहुत कम मात्रा में गुच्छी एकत्रित हुई है। कम उत्पादन के चलते कारोबारियों में इसकी खरीद के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा हो सकती है। बताया जा रहा है कि कम उत्पादन की खबर सुनकर ही कारोबारी मार्केट में सक्रिय होने लगे हैं। जानकारी है कि लोकल स्तर पर काम करने वाले छोटे व्यापारियों ने गुच्छी की खरीद के लिए एडवांस देना भी आरंभ कर दिया है, ताकि वे ग्रामीणों से गुच्छी घर-घर जाकर खरीद सकें। कुल्लू के एक गुच्छी कारोबारी डीआर शर्मा कहते हैं कि अभी बहुत कम मात्रा में गुच्छी मार्केट में आ रही है, लेकिन आने वाले एक माह में इसकी आवक बढ़ने की आस है। उनके अनुसार कम उत्पादन से इस बार बेहतर दाम मिल सकते हैं।