जाखू रोप-वे टेक ऑफ को तैयार

शिमला— जाखू रोप-वे को अब महज वीरभद्र सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। शेष सभी एनओसी अरसे से लटके पड़े इस प्रोजेक्ट को जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री की ही पहल पर इसका कार्य गति पकड़ सका है। उन्होंने ही मंत्रिमंडल की बैठक में संबंधित महकमों को निर्देश दिए थे कि इसका कार्य जल्द सिरे चढ़ाया जाए। शुक्रवार को नगर निगम शिमला, पीडब्ल्यूडी के साथ पर्यटन विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने जाखू रोप-वे का निरीक्षण कर अंतिम रिपोर्ट सरकार को पेश कर दी है। अब सरकार की अनुमति मिलते ही जाखू रोप-वे को शुरू कर दिया जाएगा। संभवतः अप्रैल से यह शुरू होगा। यानी कि सैलानियों को इस बार नया आकर्षण देखने को मिलेगा। यह रोप-वे 15 करोड़ से तैयार किया जाना था, मगर इसकी राशि बढ़कर अब 25 करोड़ पार कर चुकी है। हिमाचल सरकार के साथ वर्ष 2006 में जैगसन कंपनी का जाखू रोप-वे को लेकर करार हुआ था। कभी पर्यावरण एनओसी तो कभी पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट तैयार होने में लेटलतीफी के चलते यह प्रोजेक्ट 11 वर्षों से लटकता रहा। पीडब्ल्यूडी का तकनीकी विंग पहले ही इसका परीक्षण कर चुका है। रोप-वे को पहले डीजी सेट फिर बाद में बिजली द्वारा संचालित किया जा चुका है। इसकी टेक ऑफ व लैंडिंग दोनों सफल बताई जा रही है। बस अब सरकार की हरी झंडी का इंतजार है।

पर्यटक सीजन में मेहमानों को तोहफा

मौजूदा सरकार का शिमला आने वाले सैलानियों के लिए इस पर्यटक सीजन में यह खास तोहफा होगा। माल रोड़ से जाखू मंदिर तक की रोमांचकारी यात्रा का सैलानी लुत्फ उठा सकेंगे। इससे पहले उन्हें या तो टैक्सी या फिर थका देने वाली सीधी चढ़ाई से धार्मिक पर्यटन स्थल जाखू पहुंचना पड़ता था। अब कुछ ही पलों में वे मालरोड़ से जाखू पहुंच सकेंगे।

किराया तय करेगी विभाग की समिति

रोप-वे प्रोजेक्ट प्रबंधक खुद इसका किराया तय नहीं कर पाएंगे। मौजूदा सरकार ने ही पर्यटन विभाग के तहत एक समिति का गठन किया है, जो आगामी हफ्ते तक यह तय करेगी कि जाखू रोप-वे एक तरफ या दो तरफ का किराया क्या होगा।