3साल से हमीरपुर डटे अफसरों की सूची तलब

हमीरपुर – तीन साल से हमीरपुर में डटे साहब केंद्रीय चुनाव आयोग को अखर गए हैं। चुनाव आयोग ने इस फेहरिस्त में शामिल अफसरों की सूची तलब की है। भोरंज उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद पूरे हमीरपुर जिला में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। इसके चलते अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारी-कर्मचारियों को चुनाव आयोग ट्रांसफर करने के मूड में है। केंद्रीय चुनाव आयोग की पैनी नजर प्रशासनिक-पुलिस तथा अहम पदों पर बैठे अफसरों पर बनी हुई है। इसके चलते राज्य निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिए गए हैं कि निष्पक्ष चुनावों की संभावना के चलते तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारी-कर्मचारियों की सूची आयोग को भेजी जाए। सूचना के अनुसार हमीरपुर में प्रमुख पदों पर बैठे कुछ अधिकारी अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। लिहाजा केंद्रीय चुनाव आयोग का कड़ा रुख उनके तबादले की वजह बन सकता है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने नौ मार्च को भोरंज उपचुनाव की घोषणा की है। इसके तहत नौ अप्रैल को भोरंज में मतदान होगा और 13 अप्रैल को वोटों की गिनती। उपचुनाव के नतीजे घोषित होने तक पूरे जिला में आदर्श चुनाव आचार संहिता जारी रहेगी। चूंकि यह जिला भाजपा का गढ़ रहा है और प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल का भोरंज गृह क्षेत्र है। इस कारण भोरंज उपचुनाव में विपक्ष हर छोटे-छोटे मुद्दे पर सरकार के कदम की निगरानी करेगा। इस संभावनाओं के चलते केंद्रीय चुनाव आयोग ने पहले से ही कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है। पिछले लोकसभा चुनावों में भी केंद्रीय चुनाव आयोग को सबसे ज्यादा शिकायतें हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मिली थीं। भाजपा तथा कांग्रेस दोनों के बीच शिकायतों के लिए होड़ लगी थी। इस बार भोरंज उपचुनाव में भी दोनों तरफ से शिकायतें होने का अनुमान है। इस कारण केंद्रीय चुनाव आयोग किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है।

धीमान के निधन से खाली हुई है सीट

पूर्व शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान के देहांत के कारण भोरंज विधानसभा क्षेत्र की सीट रिक्त हुई है। इसके चलते भोरंज में उपचुनाव हो रहा है। आम चुनावों से कुछ माह पहले हो रहे इस उपचुनाव को भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही दल सत्ता का सेमिफाइनल मान रहे हैं। इस कारण केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के आम चुनावों के बाद उपचुनाव करवाने का फैसला लिया है।