नड्डा से मिला भाजपा का बिखरा कुनबा

राजन सुशांत के साथ दर्शन सैणी, नीलम सरेक ने भी की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात

शिमला —  हिमाचल प्रदेश में भाजपा की राजनीतिक फिजाएं बदलने लगी हैं। भाजपा का वह कुनबा जो बिखर चुका था, अब उसे समेटने की कोशिशें हो रही हैं। पहले भाजपा से किनारा कर हिलोपा बनाकर सत्ता में आए महेश्वर सिंह ने पार्टी का दामन थामा और अब एक अन्य एसोसिएट विधायक बलबीर वर्मा भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। यही नहीं, धूमल के साथ खुलकर टकराव कर आम आदमी पार्टी का झंडा उठाने वाले कांगड़ा के पुराने नेता डा.राजन सुशांत ने भी रविवार को केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात कर ली। सूत्रों के अनुसार पीटरहॉफ पहुंचे जगत प्रकाश नड्डा से मिलने वालों में राजन सुशांत और दर्शन सिंह सैणी भी थे, जिन्होंने काफी देर तक केंद्रीय मंत्री से बातचीत की। हालांकि राजन सुशांत ने इस मुलाकात में किसी भी तरह की राजनीतिक बात से इनकार किया है, लेकिन उनकी नड्डा से मुलाकात नए राजनीतिक समीकरणों का संकेत दे रही है। बताया जाता है कि राजन सुशांत ने नड्डा से बातचीत की है, लेकिन उनका कहना है कि वह केंद्रीय मंत्री को अपने बेटे की शादी का न्योता देने आए थे। हालांकि उनकी मुलाकात के राजनीतिक मायने देखे जा रहे हैं। उनके अलावा स्वर्गीय हरिनारायण सैणी के भाई दर्शन सिंह सैणी ने भी नड्डा से मुलाकात की। नालागढ़ की राजनीति में सैणी परिवार को अलग-थलग कर दिया गया है और उनके परिवार में से ही दर्शन सैणी का भी नाम है, जिन्होंने यहां केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की। कुल मिलाकर यह कहें कि बिखरे हुए कुनबे को एकजुट करने की कोशिशें नड्डा के माध्यम से की जा रही हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। राजन सुशांत का प्रो. प्रेम कुमार धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है और वह शांता कैंप से माने जाते थे। बाद में उन्होंने दूसरे दलों का नेतृत्व किया, परंतु उनके समर्थक भी चाहते हैं कि वह अपने पुराने संगठन में ही जाएं। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन आने वाले समय के लिए ये समीकरण कई मायनों में महत्त्वपूर्ण हैं। उधर, चौपाल के विधायक, जिन्होंने कांग्रेस का दामन थामा हुआ था, 26 मार्च को भाजपा में चले जाएंगे। उन्होंने भी यहां नड्डा से मुलाकात की, जिन्हें उनकी तरफ से हरी झंडी मिल गई। इस विस क्षेत्र में कांग्रेस के सुभाष मंगलेट को इससे कुछ राहत भी मिली है। वहीं, जुब्बल कोटखाई से जिला परिषद की नेत्री नीलम सरेक ने भी केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की है, जिनका पूर्व बागबानी मंत्री नरेंद्र बरागटा से छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है।