पांच साल में पैसा दोगुना…ठगे गए लोग

जवाली में कंपनी ने लालच दे लूटे दर्जनों, लोगों की शिकायत पर 420 का मामला दर्ज

जवाली— उपमंडल जवाली में तथाकथित कंपनी द्वारा लोगों से लाखों रुपए ठगने का मामला प्रकाश में आया है। ठगी का शिकार हुए तकरीबन दर्जन भर लोगों ने पुलिस थाना जवाली में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई है। प्रीतम चंद पुत्र राम सिंह ने पुलिस थाना जवाली में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि वर्ष 2009 में जवाली में दिल्ली के जेजे सिंह ने इजी वे के नाम से कंपनी खोली थी, जिसमें लोगों को इमो फार्म, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, गाय पालन के लिए लोन दिया जाता था तथा इसी के साथ लोगों के पैसों को पांच साल में दोगुना करने का प्रलोभन दिया जाता था, जिसके चलते लोगों ने लाखों रुपए कंपनी में जमा करवा दिए। इस कंपनी का शुभारंभ सरकार के नुमाइंदे द्वारा किया गया था, जिसके चलते लोगों में कंपनी पर विश्वास हो गया। वर्ष 2010 में कंपनी जवाली से भरमाड़ शिफ्ट हो गई तथा वर्ष 2013 में कंपनी लोगों के पैसे ऐंठ करके भाग गई। प्रीतम चंद सहित ठगी का शिकार हुए विजय सिंह, धर्म पाल, धर्म सिंह, सतपाल सिंह, जगदीश सिंह, राकेश कुमार, शकुंतला देवी, देसराज, सुंदर शाम, डिंपल, कमला देवी, तेज राम, तिलकराज, विधि चंद व सरला देवी इत्यादि ने भी शुक्रवार को पुलिस थाना में अपने बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि नरगाला के कैलाश, भरमाड़ के राजेश कौंडल द्वारा उनके पास आकर कंपनी की योजनाओं को समझाया जाता था तथा पैसे भी उन्हीं के द्वारा जमा करवाए जाते थे। ठगी का शिकार हुए लोगों ने कहा कि इसके बारे में जब भी चारों लोगों के पास जाकर पूछा जाता है, तो उनके द्वारा कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता, उल्टा धमकाया जाता है। इस बारे में डीएसपी जवाली धर्मचंद वर्मा ने कहा कि पुलिस थाना जवाली में इजी वे कंपनी के खिलाफ ठगी करने का मामला दर्ज हुआ है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजेश कौंडल, कैलाश के खिलाफ धारा 420, 406 व 34 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की तह तक जाएगी।

पहले भी कई बार हुआ धोखा

ठगी का शिकार हुए लोगों ने इस संदर्भ में एक शिकायत पत्र भाजपा संगठनात्मक जिला नूरपुर के महामंत्री राकेश बाजवा व भाजयुमो जिला सचिव सतीश गोल्डी के नेतृत्व में जवाली पुलिस को सौंपा है तथा सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई है। हाल ही में पीएसीएल प्राइवेट लिमिटेड नामक लब में खुली कंपनी ने भी लोगों के करोड़ों रुपए ऐंठ कर फ्रॉड किया है और रातोंरात भाग गई थी। प्रशासन से आग्रह है कि ऐसी कंपनियों का आरबीआई से पंजीकरण है या नहीं, को चैक किया जाना चाहिए।