पुराने कर्मी रेगुलर नहीं, नई भर्ती शुरू

कृषि विश्वविद्यालय में कर्मचारियों ने नए पद भरने का किया विरोध

पालमपुर— प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में काफी समय से लंबित पड़े पद भरने की प्रक्रिया  शुरू किए जाने के साथ ही विरोध के स्वर भी उठने शुरू हो गए हैं। नई नियुक्तियों से पहले को-टर्मिनस आधार पर कार्यरत वैज्ञानिकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की गई है। इस सारे मामले में हस्तक्षेप को लेकर कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न संगठनों व सीनेटर्ज ने राज्यपाल, जो कि कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, को पत्र लिखकर नई भर्तियों से पहले नियमितीकरण का पुराना मामला सुलझाने का आग्रह किया है। 18 मई, 2016 को कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना का हवाला देते हुए संगठनों और सीनेटर्ज ने कहा है कि विवि बोर्ड प्रबंधन ने को-टर्मिनस आधार पर कार्यरत वैज्ञानिकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लिया था। वित्त समिति व विश्वविद्यालय प्रबंधन बोर्ड के निर्णय को एक साल बाद भी कार्यान्वित नहीं किया जा सका है। इसके बावजूद नए पद भरने की प्रकिया शुरू की गई है और अब नए सृजित पद अनुबंध के आधार पर भरे जाएंगे। इन पदों पर लगने वाले कर्मी पांच साल बाद नियमित हो जाएंगे, जबकि को-टर्मिनस आधार पर नियुक्त वैज्ञानिकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों को पिछले करीब 17 साल से नियमित नहीं किया गया है। संगठनों व सीनेटर्ज ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि नए पद भरे जाने पर फिलहाल रोक लगाई जाए। उधर, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डा. हृदयपाल सिंह ने इस विषय पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया।

इन्होंने उठाया को-टर्मिनस का मसला

राज्यपाल को पत्र लिखकर को-टर्मिनस का मसला उठाने वालों में हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर टीचर्स एसोसिएशन हपोटा, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ, कृषि वैज्ञानिक मंच व कृषि विश्वविद्यालय के चुने हुए सीनेटर शामिल हैं। इन प्रमुख संघों व सीनेटर्ज द्वारा मुद्दा उठाए जाने से नई भर्तियों का मामला फिलवक्त उलझता नजर आ रहा है।