बेरोजगारी भत्ता तो ठीक…रोजगार कब दोगे

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 के  लिए पेश किए गए बजट के अनुसार 12वीं पास और इससे अधिक पढ़े -लिखे युवाओं को 1000 रुपए प्रति माह बेरोजगारी भत्ता तथा दिव्यांग बेरोजगारों को 1500 रुपए प्रति माह दिया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा 150 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। क्या बेरोजगारी भत्ता प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को राहत देगा। इस संदर्भ में जब ‘दिव्य हिमाचल’ ने स्वारघाट क्षेत्र के युवाओं की नब्ज टटोली तो ज्यादातर युवाओं से सरकार के फैसले का हालांकि स्वागत किया पर साथ ही साथ मांग भी उठाई की प्रदेश में रोजगार के द्वार खोलें जाएं,ताकि भत्ता मिलने से युवा निकम्मे और आलसी न बन जाएं और प्रदेश की छवि खराब न हो

रोहित ठाकुर,स्वारघाट

सरकार का फैसला सराहनीय

प्लस टू पास कर नयनादेवी आईटीआई से तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे अमृत लाल ने बताया कि वह सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार को चाहिए कि बेरोजगारी भत्ता देने के साथ-साथ बेरोजगारों के लिए नौकरियों का भी उचित प्रबंध करे, ताकि प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी थम सके।

जरूरतमंद के लिए अच्छा

चरणजीत का कहना है कि प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या ज्यादा है और उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने के लिए एक ओर जहां करोड़ों रुपए का बजट खत्म होगा तो वहीं प्रदेश में बेरोजगारी भी बढ़ेगी। हालांकि गरीब घरों के बच्चों के लिए सरकार का यह अच्छा निर्णय है। पर सरकार के इस फैसले में प्रदेश हित कहीं भी नहीं है।

नौकरी के मौके भी दें

विजय पाल का कहना है कि सरकार द्वारा प्रदेश के प्लस टू पास बेरोजगारों के लिए बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय सराहनीय है। इसके साथ ही सरकार को चाहिए कि प्रदेश में बेरोजगारी खत्म करने के लिए नौकरियों में बढ़ोतरी की जाए। युवाओं को काम दिया जाए,ताकि प्रदेश उन्नति की राह पर अग्रसर हो। साथ ही साथ मेहनत की सीख भी दी जाए।

बढ़ जाएगी बेरोजगारी

चमन लाल का कहना है कि बेरोजगारी भत्ते जैसी घोषणा कर सरकार ने एक अच्छी पहल की है, लेकिन इसका बेरोजगारों पर असर पड़ेगा, क्योंकि वे रोजगार तलाश करने की बजाय बेरोजगारी भत्ते पर ही निर्भर हो जाएंगे। ऐसे में प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ जाएगी। इस पर सरकार को फिर से विचार कर लेना चाहिए।

पढ़ाई में मिलेगी मदद

राकेश ठाकुर ने कहा कि पढे़-लिखे बेरोजगारों के लिए सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता देना एक अच्छी पहल है। इसके अलावा धन के अभाव में आगे की पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा। इससे उनके के लिए  कई अवसर खुलेंगे। सरकार का फैसला काबिलेतारीफ है। यह फैसला पहले हो जाना चाहिए था।

जरूरमंदों को ही मिले भत्ता

विपिन कुमार का कहना है कि सरकार का बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना अच्छी बात है, लेकिन यह भत्ता केवल गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले युवाओं को ही दिया जाना चाहिए था। राजनीति फायदे को लेकर यह भत्ता नहीं दिया जाना चाहिए। इस तरह के फैसलों से प्रदेश के विकास पर असर पड़ता है। सरकार युवाओं को रोजगार दे।