भत्ता तो ठीक… पर रोजगार भी दो

सरकार की ओर से प्रस्तुत किए बजट में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा से युवा वर्ग में खासा उत्साह है। सरकार की ओर से 12वीं पास और इससे अधिक पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को मासिक बेरोजगारी भत्ते के तौर पर एक हजार रुपए दिए जाएंगे, वहीं 12वीं पास दिव्यांग बेरोजगारों को 15 सौ रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। सरकार की ओर से बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने को लेकर ‘दिव्य हिमाचल’ ने युवाओं से बातचीत की। कुछ ने सरकार के निर्णय को सराहा, तो कुछ ने बेरोजारी भत्ता नहीं बल्कि रोजगार देने की बात कही। हमीरपुर के युवाओं ने कुछ यूं रखी अपनी बात…         

कहीं चुनावी स्टंट तो नहीं

हिमांशु का कहना है कि अब चुनाव को कुछ ही समय बाकी बचा है। चुनाव से मात्र कुछ माह पहले बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं का ध्यान बांटा जा रहा है। मात्र 1000 रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ता युवाओं के साथ धोखा है। युवाओं को भत्ते की नहीं, बल्कि रोजगार की जरूरत है।

भत्ते से गुजारा नामुमकिन

विजय का कहना है कि प्रदेश में लाखों के हिसाब से प्रशिक्षित बेरोजगार युवा हैं। पढ़ाई पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा। मात्र एक हजार रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ते में गुजारा करना बहुत मुश्किल है। सरकार का यह निर्णय सही नहीं है।

युवाओं के साथ भद्दा मजाक

मोनिका कुमारी का कहना है कि महंगाई के दौर में मात्र 1000 व 1500 रुपए देकर युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया गया है। प्रदेश  सरकार का यह निर्णय बिलकुल भी सही नहीं है। पढ़ाई पर लाखों रुपए खर्च कर बैठे युवाओं को नाममात्र की राशि देकर चुप कराने का प्रयास किया गया है।

जरूरतमंद को कुछ राहत

विजय कुमार ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता मिलने से गरीब परिवार के प्रशिक्षित युवाआें को राहत मिलेगी। अब सरकार को रोजगार उपलब्ध करवाने के भी प्रयास करने चाहिए। महंगाई के चलते यह भत्ता पर्याप्त नहीं है। बेरोजगारी भत्ते में गुजारा संभव नहीं है।

चुनावी वादे को किया पूरा

ओमकार सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बेरोजगारों के हित में निर्णय लिया है। बेरोजगारी भत्ते से युवाओं को कुछ हद तक राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा किया है, लेकिन बेरोजगारी भत्ते में गुजारा संभव नहीं है।

रोजगार के अवसर दे सरकार

रिशव कुमार का कहना है कि कई शिक्षित बेरोजगार वर्षों से रोजगार की राह देख रहे हैं। इनको रोजगार उपलब्ध न करवाने की बजाय बेरोजगारी भत्ता शुरू करना गलत है। सरकार को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिएं।