सपना सच करने को मैदान में बहा रहे पसीना

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ मैदान में ऊंची किक मारते दिखाई देने लगे हैं। क्या कोच और क्या खिलाड़ी सभी हर जगह उत्साह से लबरेज हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में जो उत्साह इन फुटबालरों में देखा उसी का हाल प्रिय पाठकों के सामने प्रस्तुत है। राजधानी के समरहिल मैदान में शाम के पांच बजे हैं। फुटबाल मैदान में अभ्यास को जुटे खिलाडि़यों से ‘दिव्य हिमाचल’ ने कई प्रश्न किए तो ये जवाब मिले …

टेक चंद वर्मा, शिमला

‘दिव्य हिमाचल’ के पत्रकार की मुलाकात शनिवार को शाम 5:20 बजे के करीब समरहिल ग्राउंड (हिप्र विश्वविद्यालय खेल मैदान) में हुई। नमन समरहिल के रहने वाले हैं। नमन के पिता हमेश सरमहिल में दुकान चलाते हैं। नमन बावा पिछले चार वर्षों से फुटबाल खेल का प्रशिक्षण ग्रहण कर रहे हैं। समरहिल फुटबाल क्लब से जुड़े नमन बावा दिल्ली फुटबाल अकादमी में भी छह माह का प्रशिक्षण ग्रहण चुके हैं। डिफेंस में खेलने वाले नमन का पसंदीदा फुटबाल खिलाड़ी मेसी हैं, जिनको आदर्श बनाकर नमन भी इस खेल में बड़ा नाम कमाना चाहते हैं। नमन ने जमा दो की प्राइवेट परीक्षा दे रहे हैं। फुटबाल के प्रति उनका इतना लगाव है कि परीक्षा के दौरान भी वह अपने अभ्यास के लिए समय निकाल लेते हैं। उनके फुटबाल के प्रति रुझान को देख कर माता-पिता का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है। अभ्यास के दौरान भी वह पूरी फुटबाल किट का प्रयोग करते हैं। नमन का कहना है कि ‘दिव्य हिमाचल’ के फुटबाल लीग को लेकर वे खासे उत्साहित हैं। इस लीग के आयोजन से जहां खिलाडि़यों को बड़े स्तर के मुकाबले में खेलने का अवसर मिलेगा।

समरहिल मैदान में शाम के सत्र में अभ्यास करने पहुंच युवा फुटबालर देवेंद्र से भी मुलाकात हुई। समरहिल के रहने वाले देवेंद्र के पिता भी समरहिल में दुकान चलाते हैं। देवेंद्र चौड़ा मैदान से आईटीआई की पढ़ाई कर रहे हैं। वह पिछले सात वर्षों से समरहिल फुटबाल क्लब से जुड़े हैं और फुटबाल खेल रहे हैं। देवेंद्र का पसंदीदा फुटबालर मैसी हैं। वह क्लब की टीम में बतौर मिड फिल्डर और डिफैंडर खेलते है। उन्हें बचपन से ही फुटबाल खेल में शौक था। छोटी उम्र में ही उन्होंने फुटबालर बनने का सपना देखा था, जिसको साकार करने के लिए वह अब जमकर पसीना बहा रहे हैं। उनका कहना है कि उनके खेल के प्रति उनके पिता ने हमेशा उन्हें मोटिवेट किया है। वह पूरी किट के साथ ही अभ्यास सत्र में उतरते हैं। देवेंद्र का कहना है कि प्रदेश में फुटबाल के बड़े स्तर के मुकाबले कम ही होते हैं। ऐसे में ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया ग्रुप द्वारा प्रदेश में फुटबाल लीग आयोजित की जा रही है, जिससे युवा फुटबालरों में नई उम्मीद जगी है। इस तरह के आयोजनों से जहां फुटबालरों को बड़े स्तर के मुकाबलों में खेलने का अवसर मिलेगा, वहीं उन्हें एक्सपोजर भी मिलेगा।