सपना सच करने को मैदान में बहा रहे पसीना

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ मैदान में ऊंची किक मारते दिखाई देने लगे हैं। क्या कोच और क्या खिलाड़ी सभी हर जगह उत्साह से लबरेज हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ में अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में जो उत्साह इन फुटबालरों में देखा उसी का हाल प्रिय पाठकों के सामने प्रस्तुत है। हालांकि मौसम में कुछ तपिश तो है, लेकिन क्रेज कहीं उससे बढ़कर है। फुटबाल मैदान में अभ्यास को जुटे खिलाडि़यों से ‘दिव्य हिमाचल’ के प्रतिनिधि ने एक साथ प्रश्न खेल को लेकर किए…

नामः अर्पित परमार

प्रैक्टिस :  दो घंटे

पोजिशन : सेंटर बैक

पसंदीदा प्लेयर : पेले

पेले को फुटबाल का भगवान मानने वाले जमा एक का विद्यार्थी अर्पित परमार तीन साल से फुटबाल खेल रहा है। उन्होंने कहा कि अकसर किट की कमी खलती है, लेकिन फिर भी खुद की किट लेकर प्रैक्टिस करता हूं। मंडी में एक ही मैदान है और वह भी पिछले छह माह से बंद है। ऐसे में सही से प्रैक्टिस नहीं हो पा रही। अभी सीनियर खिलाड़ी ही मार्गदर्शन कर रहे हैं, लेकिन जल्द ही कोचिंग लूंगा। फुटबाल पर हिमाचल में लीग करवाना अपने आप में गौरव की बात है। इससे खिलाडि़यों और टीमों को प्रोत्साहन मिलेगा। नए खिलाड़ी और टीमें उभर कर सामने आएंगे।

नाम : गिरिक सूद

प्रैक्टिस :  दो घंटे

पोजिशन : मिड फिल्डर

पसंदीदा प्लेयर : माराडोना

माराडोना के प्रशंसक गिरिक सूद ने बताया कि चार साल से फुटबाल खेल रहा हूं, लेकिन फुटबाल को लेकर कहीं से भी प्रोत्साहन नहीं मिला है। बीसीए फाइनल ईयर के छात्र गिरिक ने कहा कि ‘दिव्य हिमाचल’ फुटबाल लीग से बहुत सी आशाएं हैं। लीग से हिमाचल में इस खेल के प्रति नया माहौल बनेगा। क्रिकेट के इतर यह अनूठी पहल है। इससे विश्व के नंबर-1 गेम को हिमाचल में भी लोकप्रियता हासिल होगी। सात बार नेशनल खेल चुके डा. ऋषभ ही फुटबाल में मार्गदर्शन करते हैं। हिमाचल फुटबाल लीग से प्रदेश में क्लब क्लचर को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही टीमों में भी एकजुटता के साथ प्रतिस्पर्धा का बेहतरीन मंच स्थापित होगा।