सपना सच करने को मैदान में बहा रहे पसीना

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ मैदान में ऊंची किक मारते दिखाई देने लगे हैं। क्या कोच और क्या खिलाड़ी सभी हर जगह उत्साह से लबरेज हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ में अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में जो उत्साह इन फुटबालरों में देखा उसी का हाल प्रिय पाठकों के सामने प्रस्तुत है। कुल्लू मुख्यालय स्थित मैदान में शाम के पांच बजे है, हालांकि मौसम में कुछ तपिश तो है, लेकिन क्रेज कहीं उससे बढ़कर है। फुटबाल मैदान में अभ्यास को जुटे खिलाडि़यों से ‘दिव्य हिमाचल’ के प्रतिनिधि ने एक साथ प्रश्न खेल को लेकर किए

नामः कार्तिकेय

वर्ग : जूनियर

प्रैक्टिस :  सुबह-शाम  पोजिशन : मिड फिल्डर

पसंदीदा प्लेयर : पेपे-रोनाल्डो

कोच : पवन कुमार

कार्तिकेय फुटबाल में लंबी छलांग को तैयार हैं। फुटबाल का जुनून उसके दिमाग में पिछले तीन साल से छाया हुआ है। अभी दसवीं के ही छात्र हैं, मगर मिड फिल्डिंग के माहिर होने का दम भरते हैं। पेपे और रोनाल्डो के दीवाने कार्तिकेय के इस खेल में उनका परिवार भी साथ देता है। जूते एकदम चकाचक हों तो किक मारने का रोमांच दोगुना हो जाता है, लिहाजा उन्हें मैदान में बिंदास खेल दिखाना ही है। कोच पवन इन्हें देवदूत से कम नहीं लगते। लिहाजा‘दिव्य हिमाचल’ की मुहिम को इन्हीं खिलाडि़यों के दम पर शोहरत मिलेगी ऐसा उपरोक्त खिलाडि़यों की प्रतिभा देख लगता है।

नामः अजय कुमार

वर्ग : जूनियर वर्ग में डा. बीसी राय ट्राफी में नेशनल खेला है

प्रैक्टिस :  सुबह-शाम दो बार अभ्यास

 पोजिशन : मिड फिल्डर पोजीशन

पसंदीदा प्लेयर : ब्राजील के रोनाल्डो

कोच : पवन

कुल्लू के फुटबालर अजय ने ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ की सराहना करते हुए कहा कि वह इसी के जरिए प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें। इसके लिए पसीना बहाया जा रहा है। अजय पिछले चार साल से फुटबाल खेल रहे हैं। बेशक प्रदर्शन का कोई बड़ा व बेहतरीन मौका नहीं मिला, फिर भी प्रैक्टिस लगातार जारी है। अजय को बीसी राय ट्राफी के दौरान नेशनल में खेलने का मौका मिला है। अंतरराष्ट्रीय फुटबालर रोनाल्डो को आदर्श मानने वाले अजय मिड फिल्डर हैं और कुल्लू महाविद्यालय में बीए सेकंड ईयर के छात्र हैं। सुबह-शाम दोनों समय वह स्पाइक के साथ मैदान में डटे रहते हैं। अपने कोच पवन को वह धन्यवाद देना नहीं भूलते जो खिलाडि़यों को खेल के गुर सिखाते रहते हैं।