हर घर में हो सौर ऊर्जा का इस्तेमाल

शिमला में अक्षय ऊर्जा पर सेमिनार में बोले एसीएस तरुण कपूर

शिमला  —  अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए भवनों के नियमों में बदलाव जरूरी है। यह बात अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) तरुण कपूर ने शिमला में आयोजित सेमिनार में कही। ‘अक्षय ऊर्जाः एक हरित भविष्य को कायम रखना’ विषय पर आयोजित सेमिनार में तरुण कपूर ने कहा है कि प्रदेश में अभी भी भवनों को वैज्ञानिक तरीके से नहीं बनाया जा रहा। अधिकतर भवनों में इंसुलेशन, नेचुरल लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि भवनों की प्लानिंग ऐसी हो की वे एनर्जी एफिशियेंट हो। वहीं भवनों में सोलर प्लांट, सोलर वाटर हीटर लगाने के लिए जगह का भी प्रावधान होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। संयुक्त सदस्य सचिव व समन्वयक राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण कुनाल सत्यार्थी ने बताया कि विभाग द्वारा अक्षय ऊर्जा के संबंध में जागरूकता प्रदान करने के लिए छात्र-छात्राओं को इससे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। 11 मई को राष्ट्रीय तकनीक दिवस के अवसर पर तथा पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर स्कूल एवं कालेज के छात्र-छात्राओं को इस विषय से जोड़ा जाएगा।

प्रदूषण रोकने के लिए बनाएं नियम

ऊर्जा संसाधन संस्थान दिल्ली (टीईआरआई) के वरिष्ठ निदेशक अमित कुमार ने कहा है कि हिमाचल में पनबिजली के साथ सौर ऊर्जा पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में वाहनों के प्रदूषण को रोकने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन पर जोर दिया जाना चाहिए। सेमिनार का आयोजन राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद और ऊर्जा संसाधन संस्थान दिल्ली (टीईआरआई) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के लगभग 70 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।