अछूती मंजिल तक पर्यटक ले जाने की चुनौती

( अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं )

घरेलू पर्यटन में वार्षिक 15.5 फीसदी की दर से तेजी आई है, लेकिन शीर्ष 10 राज्यों में हिमाचल अभी भी बहुत पीछे है। प्रदेश में पर्यटकों की तादाद बढे़, इसके लिए बिलिंग की तर्ज पर अनेक पर्यटक स्थलों को विकसित करने की जरूरत है। साथ में पर्यटन निगम पर्यटक स्थलों पर होटलों का निर्माण कर वहां रहने व खाने की व्यवस्था संभाले…

हिमाचल प्रदेश को प्रकृति और ईश्वर की ओर से अनुकूल जलवायु, प्राकृतिक सुंदरता, सुंदर घाटियों तथा शांत वादियों का उपहार मिला हुआ है। इसके अतिरिक्त यहां की समृद्ध संस्कृति और देव परंपराएं हिमाचल को आकर्षक पर्यटक डेस्टीनेशन बनाती हैं। यहां के विश्व प्रसिद्ध मेले, त्योहार, उल्लास से परिपूर्ण गीत एवं नृत्य पर्यटकों की रूह में सहज ही उतर जाते हैं। हिमाचल की किन्नौरी शाल, कुल्लू की ऊनी टोपी, चंबा रूमाल और रंगीन परिधान पर्यटकों को फोटोग्राफी के लिए लालायित कर देते हैं। यूं तो कुल्लू, मनाली, शिमला, डलहौजी और धर्मशाला वर्ष पर्यंत पर्यटकों की आवाजाही से गुलजार रहते हैं, लेकिन पिछले दो दशकों में सड़कों का विस्तार होने से कई नवीन पर्यटन सर्किट भी तैयार हुए हैं। कुल्लू का दशहरा, मंडी का शिवरात्रि, चंबा का मिंजर और रामपुर का लवी मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो विख्यात हैं ही, इन मेलों में प्राचीन वाद्ययंत्रों की कर्णप्रिय संगीत की धुनों के मध्य अपने कारकूनों में साथ पधारने वाले देवताओं की पालकियां स्थानीय तथा विदेशी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को श्रद्धा से भाव- विभोर कर देती हैं। एक पर्यटक के रूप में जब भी हम कहीं बाहर घूमने-फिरने की योजना बनाते हैं, तो सबसे पहले हमें अपनी सुरक्षा की चिंता होती है। शांति, स्थिरता और सुरक्षा के अभाव में पर्यटन का आनंद ले पाना संभव नहीं होता है। अगर इसी नजरिए से देखें तो भारतवर्ष में हिमाचल प्रदेश पर्यटक सुरक्षा मानकों के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ गंतव्य स्थल कहा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, शांति और स्थिरता यहां की प्रगति और समृद्धि की परिचायक तो है ही, वर्ष-दर-वर्ष यहां आने वाले सैलानियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।

वर्ष 2016 में देवभूमि पहुंचने वाले पर्यटकों की कुल संख्या एक करोड़ 84 लाख 51 हजार रही है। गोवा में आयोजित ट्रैवल फेयर में हुए खुलासे से पता चलता है कि इस पर्यटन सीजन में 15 फीसदी ज्यादा पर्यटकों के हिमाचल में घूमने आने की संभावना है। वर्ष 2014 में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की बदौलत केंद्र सरकार के खजाने में एक लाख 20 हजार 83 करोड़ रुपयों की बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की कमाई हुई थी। वहीं यह भी अनुमान है कि पर्यटन उद्योग अभी भी प्रतिभावान लोगों की कमी से जूझ रहा है, जबकि आगामी 10 वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में 16 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। प्रदेश में पर्वतारोहण, स्कीईंग, साहसिक पर्यटन, ट्रैकिंग, ईको टूरिज्म, जल क्रीड़ाएं, एयरो स्पोर्ट्स, माउंटेन बाइकिंग और साइकिलिंग सॉफ्ट एडवेंचर, राफ्टिंग पैराग्लाइडिंग इत्यादि अनेक रोमांचक गतिविधियों का आनंद लेने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक पधार रहे हैं। पर्यटन एक अकेला ऐसा क्षेत्र है, जिसके विकसित होने से न केवल हिमाचल के युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे खुलते हैं, अपितु राज्य सरकार की आर्थिकी को भी सहारा मिलता है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का 6.81 फीसदी योगदान है, जिसे  वर्ष 2020 तक बढ़ाकर 10 फीसदी करने की सरकार की योजना है। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटकों के आगमन को यादगार बनाने के उद्देश्य से पर्यटक स्थलों पर सभी जरूरी आधुनिक सुविधाएं जुटाने में लगी हुई है। वर्ष 1984 में पर्यटन को सरकार ने एक उद्योग घोषित किया था। ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे इकाइयों को 2018 तक विलासिता टैक्स में छूट दी गई है। पिछले दिनों पर्यटन विभाग द्वारा शिमला में आयोजित ‘हिमाचल ट्रैवल मार्ट’ में जर्मनी, अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, बुलगारिया, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और रूस के ट्रेवल एजेंट्स के अलावा टूअर आपरेटर्ज और ‘ऑनलाइन ट्रेवल गाइड्स’ ने भाग लेकर प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में अपनी भागीदारी की संभावनाओं को खंगाला। सरकार रज्जु मार्गों, रोप-वे निर्माण, सड़क मार्गों में सुधार, दूरसंचार, विमान पत्तन यातायात सुविधाओं में बढ़ोतरी की दिशा में काम कर रही है।

पिछले चार वर्षों से बंद पडे़ शिमला के जुब्बलहट्टी स्थित एयरपोर्ट में एलायंस एयरवेज एटीआर-42 के सफल ट्रायल के बाद जल्दी ही यहां के लिए नियमित उड़ानें शुरू हो जाने से भी पर्यटन को नए पंख लगेंगे। पर्यटन अधोसंरचना के विकास को गति मिले, इसके लिए राज्य पर्यटन विभाग ने भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को हिमालयन सर्किट के अंतर्गत एक परियोजना भेजी थी और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन से संबंधित 14 परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपयों का बजट मंजूर किया है। साथ ही प्रदेश सरकार ने पर्यटन उद्योगों के लिए विद्युत करों की संशोधित दरों को भी अपनी मंजूरी प्रदान की है। हिमाचल सरकार के आग्रह पर धर्मशाला-मकलोडगंज में पर्यटन ढांचागत विकास, शिमला में चर्च का जीर्णोद्धार, रामपुर क्षेत्र में मंदिरों का जीर्णोद्धार, नालदेहरा में पर्यटन क्षेत्रों के विकास और जिला कांगड़ा में चामुंडा-बज्रेश्वरी माता मंदिरों के विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए एशियन विकास बैंक ने 640 करोड़ रुपयों की ऋण सहायता अनुमोदित कर दी है। पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू पर्यटन में वार्षिक 15.5 फीसदी की दर से तेजी आई है, लेकिन घरेलू पर्यटक वाले शीर्ष 10 राज्यों में हिमाचल अभी भी बहुत पीछे है। प्रदेश में पर्यटकों की तादाद बढे़, इसके लिए बिलिंग की तर्ज पर अनेक पर्यटक स्थलों को विकसित करने की जरूरत है। साथ में पर्यटन विभाग और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम प्रमुख पर्यटक स्थलों पर अपने बजट होटलों का निर्माण कर वहां रहने व खाने की व्यवस्था संभालें। इसके अलावा सस्ते टूअर पैकेज उपलब्ध करवाकर भी अधिकतम पर्यटकों को हिमाचल आने के लिए लुभाया जा सकता है।

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