पारंपरिक पानी के स्त्रोत हिमाचल में पानी की मांग और पूर्ति के संतुलन में महत्त्वपूर्ण रोल अदा करते थे जो नल की संस्कृति ने खत्म कर दिए हैं। गरीब और कमजोर वर्ग के लोग इससे ज्यादा प्रभावित हैं… जल को प्राय: जीवन का टॉनिक कहा गया है। इसमें ऐसे अवयव होते हैं जो मानव के
एक सहज सवाल है दुनिया में कचरे के कितने डब्बे? इस सवाल का सीधा सा जवाब है, जितने सिर उतने डब्बे। हो सकता है आपको यह उत्तर अटपटा लगे। लेकिन हक़ीक़त यही है कि जितने आदमी, उतने डब्बे। अगर यक़ीन न हो तो आप थोड़ी देर पहले आप शर्मा जी के साथ हुई अपनी उस
यह बात भी महत्वपूर्ण है कि 2 मार्च 2023 को नई दिल्ली में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद सभी विदेश मंत्रियों ने भारत के महाशक्ति जैसे रुख की प्रशंसा की… इस समय जब पूरी दुनिया में वैश्विक सुस्ती का दौर है और दुनिया के विभिन्न देशों में देशी-विदेशी निवेश घट रहे हैं,
‘वोकल फॉर लोकल’ का संकल्प साकार करने के लिए पहाड़ की धरोहर पारंपरिक बीजों को कृषि बीज केंद्रों व बाजारों में उतारने की योजना को अमल में लाना होगा, ताकि महंगे बीजों पर किसानों की निर्भरता कम हो… अपनी मातृभूमि से जमीनी स्तर व जज्बाती तौर पर जुडऩे का माध्यम कृषि व्यवसाय है। कृषि के
मुर्गों का आपे से बाहर होना कितना वाजिब है, यह सोच सोच कर पोलट्री फॉर्म के सारे मुर्गे परेशान थे। हालांकि मुर्गियों में थोड़ी बहुत शालीनता इस भय से बची थी कि न जाने कब ‘घर की मुर्गी’ समझ दाल ही न बना दिया जाए। मुर्गों में गुस्सा इस बात को लेकर था कि वे
विभिन्न वैश्विक रिपोर्टों में जाहिर भारत की स्थिति से मुंह नहीं फेरा जा सकता। इन रिपोर्टों पर भारत की आलोचना को दबाया नहीं जा सकता। देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा। इस मामले में सैकड़ों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसे पूरे विश्व में देखा गया कि कैसे भारत में आवाज बुलंद करने
उद्यमी का खून चूस कर सरकार को अपनी आय नहीं बढ़ानी है, बल्कि उसके साथ खड़े होकर प्राप्त लाभ का उचित अंश टैक्स के रूप में सरकार के कोष में जाना चाहिए… ‘‘भारतीय उद्योग परिसंघ’’ (सीआईआई) ने इस बार अपने वार्षिक अधिवेशन में दिनांक 7 मार्च को शिमला में मुख्यमंत्री को अध्यक्षता का न्योता दिया।
दुनिया के सबसे बड़े राजनयिक कृष्ण को एक शिक्षा कोचिंग संस्थान ने अपना ब्रांड एम्बेसडर बना लिया है। बचपन में जो कैलेण्डर देखे थे उनमें उनकी छवि डिज़ाइनर वस्त्र, गहने और जूतों से इतनी ज़्यादा लदी नहीं होती थी। उनके शंख पर भी स्वर्ण मढ़ दिया है। सुदर्शन चक्र स्थिर मुद्रा में नहीं है। गोपियों
राहुल गांधी से कम से कम यह तो नहीं ही कहलवाना चाहिए था कि यूरोप और अमेरिका भारत की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करें। कांग्रेस पार्टी पर पहले से ही यह आरोप लगता आया है कि इसकी स्थापना एक अंग्रेज ने ब्रिटेन के सांस्कृतिक व राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए की थी। आज राहुल