अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध व्यापक स्तर पर जागरूकता उत्पन्न करने हेतु नौ दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस मनाया गया। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में राजनीतिक एवं प्रशासनिक कार्य में राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं। भ्रष्टाचार के मूल तत्वों में अनैतिकता, स्वार्थ व कार्य के प्रति उदासीनता का भाव, एक कर्मचारी एवं अधिकारी के भ्रष्ट आचरण को रेखांकित
जब से परिवारवाद को कोसना शुरू किया है, इसने मेकअप के पीछे रहना शुरू कर दिया है। इसका जब जादू चलता है, बिना मेहनत के भी दाम मिलता है। परिवारवाद अति अमीर और महंगा है, इसलिए खास और कहीं बेहद खास होने की वजह से खरीदा जाता है। परिवारवाद कई विधाएं जानता है, लेकिन सियासत में स्थायी होने के कारण कीमत में अधिक और तोल में कम होने के बावजूद भारी बना रहता है। अचानक एक दिन भारी मेकअप के बावजूद परिवारवाद एकदम शिथिल और बूढ़ा नजर आने लगा। चिंता हर पक्ष को ही रही थी कि कहीं यह भी लुढक़ गया, तो पार्टी का क्या हो
शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षा तंत्र को समय-समय पर कड़े निर्णय लेने पड़ते हैं। जिस प्रकार लम्बे समय से ठहरा हुआ पानी अपनी स्वच्छता तथा गुणवत्ता को खोकर प्रदूषित हो जाता है...
भाजपा ऐसी कार्रवाई को अंजाम देकर आगामी लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ चुनाव प्रचार में राजनीतिक फायदा उठाने का पूरा प्रयास करेगी
नगाड़े की आवाज सुनते ही सब घरों से बाहर निकल आए। कुछ के चेहरों पर उत्सुकता थी तो कुछ के चेहरों पर आश्चर्य। बच्चों के चेहरों पर उत्साह महंगाई के सूचकांक की तरह लगातार ऊपर-नीचे हो रहा था।
चुनाव परिणाम आने के बाद ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, लालू यादव, स्टालिन, अखिलेश यादव इत्यादि सभी ने इस बैठक में आने से इंकार कर दिया तो कांग्रेस को अपनी इंडी की यह बैठक ही स्थगित करनी पड़ी...
क्या सरकार अन्य विभागों में नौकरी लगे पूर्व खिलाडिय़ों व प्रशिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर लाकर या उन्हीं के विभाग में उन्हें खेल प्रबंधन व प्रशिक्षण देने का अधिकार देकर हिमाचल प्रदेश की करोड़ों रुपए से बनी इन खेल सुविधाओं का सदुपयोग कर राज्य में खेलों को गति नहीं दे सकती है? अभी भी समय है कि सरकार इन खेल मैदानों का रखरखाव ठीक ढंग से करवाए...
मैंने पचास पुस्तकें पता नहीं किस नशे में लिख लीं। लेकिन पुरस्कार के नाम पर स्थानीय नगरपालिका ने मुझे गणतंत्र दिवस पर माला पहनाकर सम्मानित किया है। नकद राशि वाला मुझे एक भी पुरस्कार नहीं मिला है। मैं आजकल बस यही सोचता हूं कि कोई बड़ा पुरस्कार कैसे मारा जा सकता है। किताबें हैं और साहित्य में समग्र रूप से योगदान भी है, लेकिन कोई सरकार या संस्था मुझे कोई पुरस्कार नहीं दे रही। मैंने किताबें लिखने में अपने जीवन के साठ वसंत पूरे कर लिए हैं। विचार करता हूं तो पाता हूं कि मुझे केवल किताब लिखकर ही तसल्ली नहीं करनी चाहिए, अपितु भागा-दौड़ी भी करनी चाहिए। मुझ से जूनियर तीन-तीन किताबें लिखकर कई पुरस्कार बटोर चुके हैं। समझ में तो आने लगा
जिस प्रकार आज धड़ल्ले से फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर अश्लीलता परोसी जा रही है, वह भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और भारत सरकार को निश्चित रूप से ऐसी साइट्स को तुरंत प्रभाव से ब्लॉक कर सख्त कानूनी प्रावधानों को समाज हित में लागू करना चाहिए...