गुरुजी सीख रहे, कैसे आसान हो विज्ञान

चंबा —  असुविधाओं के कराण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पिछड़ रहे पहाड़ी राज्य के जनजातीय, सुदूर एवं दुर्लभ क्षेत्रों को पटरी पर लाने के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद की ओर से चंबा में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को शुरू हुई कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त चंबा सुदेश मोख्टा ने किया। चंबा के भूरी सिंह संग्रहालय में आयोजित इस कार्यशाला में जनजातीय क्षेत्र पांगी व भरमौर के विभिन्न स्कूलों विज्ञान अध्यापक, प्रध्यापक एवं क्लब इंचार्ज कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।  विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद संयुक्त सदस्य कुणाल सत्यार्थी ने बताया कि 21 अप्रैल तक चलने वाली विज्ञान कार्यशाला में विज्ञान एवं पर्यावरण परिषद की ओर से अध्यापकों को विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों पर महत्त्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी।  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर महत्वपूर्ण टिप्स देंगे, जिसमें कई तरह के वैज्ञानिक सिद्धांतों के प्रति अध्यापक को जागरूक किया जाएगा। ताकि अध्यापक स्कूलों में छात्रों को उस तरह की तकनीक अपनाकर रुचिकर तरीके से छात्रों को विज्ञान विषय को समझा सकें।  इसके अलावा प्रदेश दो अन्य स्थानों पर इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रिकांगपिओ व चंबा के बाद कांगड़ा व लाहुल स्पीति में भी इस  तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला का शुभारंभ करने के बाद उपायुक्त ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से पिछड़े क्षेत्रों का विज्ञान मजबूत होगा, जिससे पिछड़े क्षेत्रों में भी विज्ञान क्रांति आएगी। कार्यशाला में भारत सरकार से आए वैज्ञानिक विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों को लेकर जानकारी दे रहे हैं।