जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर ट्रायल कामयाब

जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर एटीआर-42 विमान का ट्रायल कामयाब

17 सदस्यीय टीम ने किया हवाई अड्डे का मुआयना; अब राजधानी शिमला के लिए होंगी नियमित उड़ानें, बढ़ेगा पर्यटन

शिमला —  पिछले चार वर्षों से बंद पड़े शिमला के जुब्बड़हट्टी स्थित एयरपोर्ट में मंगलवार को एलाइंस एयरवेज के एटीआर-42 का ट्रायल सफल रहा है। अब जल्द ही यहां नियमित उड़ानें शुरू की जाएंगी। पिछले कई वर्षों से हिमाचल में ठप पड़े हाई एंड टूरिज्म को भी गति मिलेगी। एयर इंडिया के पायलट्स व तकनीकी विशेषज्ञों की 17 सदस्यीय टीम मंगलवार को 12 बजे जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पहुंची। इस टीम के नेतृत्व में यह ट्रायल किया गया, जो सफल बताया जा रहा है। उल्लेखनीय रहेगा गत माह ही 16 व 17 मार्च को डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन, एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया व भारतीय मौसम विभाग के आला अधिकारियों ने एयर इंडिया के चीफ पायलट्स की टीम के साथ यहां का दौरा किया था। टीम ने जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट को नियमित उड़ानों के लिए फिट करार दिया था। दिक्कत यही थी कि एलाइंस एयरवेज के पास एटीआर-42 नहीं थे। अब इनकी उपलब्धता के बाद मंगलवार को जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट में ट्रायल किया गया, जो सफल रहा है।  शिमला एयरपोर्ट देश में ऐसा पहला हवाई अड्डा है, जिसकी वजह से हिमाचल की राजधानी शेष विश्व से एयर कनेक्टिविटी से अलग-थलग पड़ी है। हालांकि यहां नॉन शेड्यूल्ड फ्लाइट्स तो आती हैं, मगर शेड्यूल्ड नहीं। अब उम्मीद बंधी है कि आगामी हफ्ते से यहां नियमित उड़ानें शुरू होंगी। पिछले चार वर्षों से शिमला एयरपोर्ट के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार होने के बावजूद इसे शेड्यूल्ड फ्लाइट्स के लिए खोला नहीं जा सका था। एयरपोर्ट में शेड्यूल्ड फ्लाइट्स के लिए किसी तरह की दिक्कतें न हों, लिहाजा एयरपोर्ट की लंबाई को बढ़ाया जा चुका है। बहरहाल, आगामी हफ्ते से शिमला अब एयर कनेक्टिविटी के जरिए शेष विश्व से नियमित तौर पर जुड़ पाएगा, जिससे पर्यटन व व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

300 मीटर बढ़ाई रन-वे की लंबाई

जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के रन-वे की लंबाई 1164 मीटर थी। इसे करीब 300 मीटर तक बढ़ा दिया गया है, जबकि चौड़ाई 30 मीटर है। हवाई पट्टी के विस्तार के साथ-साथ एयरपोर्ट में आधारभूत ढांचे को मजबूत किया गया है।

पहले एयरपोर्ट पर उतरता था 40 सीटर विमान

अभी तक जुब्बड़हट्टी स्थित हवाई पट्टी पर 40 सीटर विमान ही उतरता था। अब एयर इंडिया से जुड़े एलाइंस एयरलाइन ने यहां जो सर्वेक्षण किया था, उसके तहत एटीआर-72 व एटीआर-42 सीटर विमानों को उतारा जा सकता है।