जून तक बहाल होगा कुंजम दर्रा

जोत पर अभी भी 17 फुट बर्फ, सैलानियों को करना पड़ेगा इंतजार 

केलांग — सैलानियों को कुंजम दर्रे के दीदार करने के लिए जून माह तक लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। बीआरओ की मानें तो अभी भी कुंजम दर्रे में 17  फीट तक बर्फ है। जिस कारण से मार्ग को खोलने के लिए काफी अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बर्फ अधिक होने के चलते यहां जून माह तक रास्ते के खुलने का इंतजार करना होगा। अधिक बर्फबारी कुंजम दर्रे में होने के चलते यहां एवलॉच व भू-स्खलन होने के चलते बीआरओ के लिए भी मार्ग को बहाल करना चुनौती भरा बना हुआ है। यही नहीं, बीआरओ को   मनाली-लेह मार्ग को ठीक करने के लिए व बर्फ को हटाने के लिए अलग से बजट का प्रावधान रहता है, लेकिन कुंजम दर्रे में बर्फ को हटाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने  बजट का कोई प्रावधान नहीं रखा है। इस कारण से बीआरओ के अधिकारियों को यहां बजट की कमी के चलते भी मशीनरियों को किस तरह से लगा कर बर्फ हटाई जाए, इसे लेकर काफी अधिक दिक्कत झेलनी पड़ती है। हालांकि रास्तों बहाली के लिए रक्षा मंत्रालय से बजट मिलता है। बता दें कि एडवेंचर प्रेमी रास्ता खुलते ही सबसे अधिक लेह व कुंजम दर्रे की सैर पर वाहनों व बाइक में निकलते हैं। खासतौर पर यहां बाहरी राज्यों के एडवेंचर व विदेशी सैलानी ही अधिक पहुंचते हैं।  कुंजम दर्रे से कुछ दूरी पर चंद्रताल झील भी है, जिसे देखने के लिए लोग यहां पहुंचते हैं। ऐसे में चंद्रताल जाने वाले सैलानियों को भी यहां जून महीने तक रास्ते के खुलने का इंतजार करना पड़ सकता  है। लाहुल मार्ग छोटे वाहनों के लिए खुलने के बाद से विदेशी सैलानियों ने भी मनाली में दस्तक देनी शुरू कर दी है, जो कि लेह व कुंजम जोत जाना पसंद करते हैं, लेकिन अभी तक केवल लाहुल जाने वाले वाहनों को ही रोहतांग से छोड़़ा जा रहा है। जिसके चलते सैलानी अभी मनाली व गुलाब तक ही सैर कर पा रहे हैं।  उधर, बीआरओ के दीपक प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियक मोहन लाल की मानें तो कुंजम दर्रे में इस बार बर्फ काफी अधिक है, लेकिन बीआरओ के जवान  मार्ग को बहाल करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द मार्ग को बहाल तक दिया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों सहित सैलानी यहां आसानी से घूमने के लिए पहुंच सकें।