देवभूमि में बनेंगे पर्यटन सर्किट

धर्मशाला    —  देवभूमि में पर्यटकों की सुविधा के लिए अब पर्यटन सर्किट बनाए जाएंगे। प्रदेश के प्रमुख शक्तिपीठों व अन्य धार्मिक मंदिरों को जोड़ने के लिए नए स्वरूप में प्लान तैयार किया जा रहा है। इससे पहाड़ में आने वाले श्रद्धालुओं को देवी-देवताओं के आशीर्वाद के साथ सुखद अनुभूति भी हो सके। सुविधाओं के अभाव में पर्यटक रास्ते से ही न लौट जाएं, इसलिए विभाग नई योजना पर काम कर रहा है। धार्मिक पर्यटन के साथ ही सैलानियों को देवभूमि के प्राकृतिक सौंदर्य व आवोहवा से जोड़ने की दिशा में यह अहम होगा। उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों माता चिंतपूर्णी, ज्वालामुखी और बजे्रश्वरी माता के दर्शनों के साथ-साथ देवभूमि के अन्य धार्मिक स्थलों तक पर्यटकों को पहुंचाने के लिए अब पर्यटन सर्किट बनाया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इसके लिए बकायदा सारी मैपिंग कर तैयारी शुरू कर दी है। पर्यटन को आने वाले और इन मंदिरों से अन्य प्रसिद्ध मंदिरों व उनके इतिहास को बताने के लिए पर्यटक गाइड, पर्यटन इन्फार्मेशन सेंटर सहित अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके लिए पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को भी इसमें शामिल कर इस मुहिम को आगे बढ़ाया जाए। मंदिर परिसरों में भी श्रद्धालुओं के लिए खुले परिसर व पार्कों के अलावा शॉपिंग कांप्लेक्स और भव्य प्रांगण बन कर तैयार होंगे। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुके इन मंदिरों में हर वर्ष करोड़ों का चढ़ावा चढ़ता है। बावजूद इसके अब तक इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। अब पर्यटन विभाग ने बाकायदा योजनावद्ध तरीके से धार्मिक पर्यटन को आगे बढ़ाने की योजना पर काम शुरू किया है। उधर, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक जगन ठाकुर का कहना है कि प्रमुख शक्तिपीठों को जोड़ने के लिए विशेष योजना पर काम चल रहा है। देवभूमि में आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा मिल सकें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ऊंचे पहाड़ों एवं आदि हिमानी चामुंडा तक धार्मिक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए रोप-पे निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा साइकिल ट्रैक और अलग छोटे पार्कों के अलावा खूबसूरत ट्यूलिप पार्क के लिए भी नरवाणा के पास भूमि का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों की मैपिंग कर योजनावद्ध तरीके से काम शुरू किया है।