धन- संपदा बेशक मिल जाए पर आनंद विरासत में नहीं मिलता

भले ही हमें धन और संपदा विरासत में मिल जाए, लेकिन जीवन का आनंद हमें कभी भी विरासत में नहीं मिल सकता। उसे तो हमें स्वयं ही प्राप्त करना होगा। हमारी छोटी-छोटी सफलताएं, जीवन में छोटे-छोटे संघर्ष हमारे होने और हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी होते हैं…

दूसरों की प्रसिद्धि से हतोत्साहित होने के बजाय कुछ पाने की तरफ  कदम बढ़ाएं। भले ही छोटी सफलता मिले, लेकिन वह आपको बड़ी खुशी देगी। कभी-कभी जीवन में बहुत खालीपन का एहसास होता है। आप उत्तर ढूंढने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह खालीपन क्यों है। अपने जॉब को लेकर सोचते हैं कि यह आपकी रुचि का नहीं है। रिश्तों में अपने महत्त्व को लेकर भी थोड़े संशय में होते हैं, तो इस तरह के विचार आपको एक संघर्ष की स्थिति में खड़ा कर देते हैं। आप बहुत अरुचि के साथ चीजों को आगे बढ़ाने लगते हैं और इसका परिणाम है बहुत उत्साह के साथ जीवन की खुशियों को नहीं जी पाते हैं। जीवन के किसी भी ऐसे मोड़ पर जब हमें लगता है कि हमारा कोशिश करना कोई अर्थ या मायने नहीं रखता है क्योंकि कुछ लोगों को तो हमसे बहुत ज्यादा विरासत में ही मिला हुआ है। ऐसे लोग पहले से ही हमसे थोड़ा आगे खड़े हैं और हम उन जैसी सफलता और प्रसिद्धि पा भी सकेंगे या नहीं। यह सोचकर आप कोशिश करना छोड़ देते हैं। दूसरों की तरक्की के साथ इस तरह की तुलना आपके मन में निराशा को जन्म देती है। दूसरों से तुलना की इस प्रक्रिया में धीरे-धीरे हम खुद को खोने लगते हैं। जीवन के प्रति हमारा उत्साह और जोश जाता रहता है। निराशा और खालीपन के ऐसे एहसास के बीच हमें याद रखने की जरूरत है कि भले ही हमें धन और संपदा विरासत में मिल जाए, लेकिन जीवन का आनंद हमें कभी भी विरासत में नहीं मिल सकता। उसे तो हमें स्वयं ही प्राप्त करना होगा। हमारी छोटी-छोटी सफलताएं, जीवन में छोटे-छोटे संघर्ष हमारे होने और हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी होते हैं। जहां जीवन में बिलकुल भी संघर्ष नहीं है शायद वहां जीवन की मधुरता का एहसास भी नहीं है। संरक्षित वातावरण या सब कुछ बना बनाया पाने वाले जीवन के छोटे संघर्षों को पार करने के आनंद से दूर रह जाते हैं। संघर्षों से गुजरना और खुद को बेहतर बनाना एक आनंद का विषय है। इसे इस तरह भी देखा जा सकता है कि आपको किसी दौड़ में भाग लेने से पहले ही अगर ट्रॉफी दे दी जाती है, तो ट्रॉफी पा लेने के बाद भी उसमें सफलता का मजा कहां है, जबकि अगर आप कुछ लोगों को पीछे छोड़कर दौड़ जीतते हैं, तो वह आपकी प्राप्त की हुई सफलता है।

कुछ पाने का जज्बा

जब आप संघर्षों को हल करने लगते हैं तो कई चीजें होती दिखाई देती हैं। अपने प्रयासों से जब बदलाव घटित होता देखते हैं तो कुछ नया करने को प्रेरित भी होते हैं। जब तक आप कोशिश ही नहीं करते हैं, तब तक खुद को सफलता का अधिकारी भी नहीं बनाते हैं। दरअसल यह मायने नहीं रखता है कि आप दूसरों के मुकाबले दौड़ कहां से शुरू कर रहे हैं, लेकिन इस बात का महत्त्व जरूर है कि आप अपनी दौड़ में कितनी जान लगा देते हैं।

रास्ते से आगे मंजिलें

जब कोशिशों के जरिए आप अपने लिए रास्ता तलाश लेते हैं कि आप क्या करना चाहते हैं और वहां तक किस तरह पहुंचेंगे तो आपके भीतर एक सपना जागता है। विश्वास और उत्साह से देखा गया सपना। यही आपके जीवन को उद्देश्य देता है। जब जीवन में उद्देश्य मिल जाए तो आगे की राह आसान हो जाती है। मंजिल तक पहुंचने का रास्ता मिल जाए, तो आज नहीं तो कल उस तक पहुंचा भी जा सकता है।

प्रेम और सम्मान

जब आप अपनी कोशिशों से सफलताएं पाने लगते हैं, तो अपनी ही नजर में आपका सम्मान बढ़ जाता है। आपको लगता है कि आप कुछ कर पा रहे हैं। भले ही आप कितनी ही बुरी स्थिति से क्यों न गुजर रहे हों, अपने प्रति आप दयाभाव नहीं रखते बल्कि हर तरह की स्थिति में साहस कर गुजरते हैं। जीवन के छोटे-छोटे संघर्षों से गुजरते हुए यह साहस ही आपकी कमाई है। साहस जुटाना मुश्किल है, पर यह फिर जिंदगी को आसान बना देता है। सफलता भी उसी के कदम चूमती है, जिसमें साहस होता है।