पायलट सैलानियों से कर रहे हैं छेड़छाड़

बिलिंग में टेंडम उड़ान भरने से पहले रहें सचेत

बैजनाथ— सावधान! अगर आप बिलिंग में पैराग्लाइडिंग की शौकीन हैं तो जरा सचेत रहें। इन दिनों यहां टेंडम उड़ान के जरिए पायलट आपसे छेड़खानी कर सकते हैं। इन पायलटों की कारगुजारी यहीं खत्म नहीं होती क्योंकि ये पायलट चंद सिक्कों की खातिर आपकी जान को जोखिम में भी डालने से गुरेज नहीं करेंगे। नियम कायदों को न मानने वाले ये पायलट न मौसम को देख रहे हैं और न ही समय को, और उड़ान पर उड़ान करवा रहे हैं, जिससे आए दिन पैराग्लाइडर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार पैराग्लाइडिंग के लिए विख्यात बिलिंग घाटी में हो रही टेंडम उड़ानों में जहां बेरोकटोक नियमों को दरकिनार कर बाहर से आने वाले सैलानियों की जान जोखिम में डाल कर उड़ानें करवाई जा रही हैं। वहीं, उन्हीं सैलानियों से छेड़छाड़ का मामला भी पुलिस में दर्ज हुआ है। कुछ दिन पूर्व मुंबई से याशिका खन्ना पुत्री अश्वनी खन्ना अपने दोस्त के साथ बिलिंग पहुंची व टेंडम उड़ान भरी। चौगान के पायलट के साथ उड़ान के दौरान उसी पायलट ने याशिका के साथ छेड़छाड़ की। लैंडिंग स्थल पर याशिका व उसके दोस्त ने उसी पायलट से टेंडम  के दौरान की गई रिकार्डिंग की सीडी ली व वापस चले गए, जो यह पायलट अमूमन सभी सैलानियों को उपलब्ध करवाते हैं। मुंबई पहुंचने पर जब याशिका ने वह रिकार्डिंग देखी तो पाया कि  पायलट उससे जिस्मानी छेड़छाड़ कर रहा है। याशिका ने वहीं से इसकी शिकायत ऑनलाइन एसपी कांगड़ा को कर दी। शनिवार को याशिका पुनः बैजनाथ थाना पहुंची व उस पायलट के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी। डीएसपी पूर्ण चंद ने बताया कि याशिका का मेडिकल करवाया गया है। वहीं, स्थानीय न्यायालय में उसका बयान दर्ज करवाया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस गहनता से मामले की छानबीन करने में जुटी है। उसके उपरांत कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी ने बताया कि याशिका ने चौगान निवासी कार्तिक के विरुद्ध छेड़छाड़ का मामला दर्र्ज करवाया है। गौर हो कि आजकल बिलिंग में धड़ाधड़ टेंडम उड़ानें हो रही हैं। सैकड़ों सैलानी प्रतिदिन बिलिंग पहुंच रहे हैं, मगर हैरानी की बात है कि  टेंडम उड़ान करवाने वाले ये पायलट न यह देख रहे हैं कि मौसम उड़ान के काबिल है या नहीं, न ही अंधेरा देख रहे हैं। यही कारण है कि आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं। दो दिन पहले भी इसी वजह से दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इन पायलटों पर किसी भी प्रकार का अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है। प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है।