प्रशांत के अशांत बोल

( मनीषा चंदराणा (ई-मेल के मार्फत) )

भगवान श्रीकृष्ण पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की टिप्पणी से बवाल मच गया है। विवादास्पद टिप्पणी कर समाज को चेताने से कौन सा समाधान मिलता है? उत्तर प्रदेश में मनचलों के खिलाफ जो कार्रवाई शुरू हुई है, उससे इस अधिवक्ता को परेशान होने का कोई कारण ही नहीं है। लड़कियों को परेशान करने वालों को सबक सिखाने के लिए प्रशांत भूषण ने क्या कदम उठाए हैं? चर्चा में आने के लिए लोग भगवान को भी नहीं छोड़ते। उन्हें समाज की भलाई से ज्यादा खुद के विचार श्रेष्ठ लगते हैं। मुद्दा यह है कि विचार अच्छे रहेंगे तो ही श्रेष्ठ लगेंगे। गलत विचार और उनका प्रचार-प्रसार करने वालों से दूर रहना ही सही होगा। कोई अच्छा काम कर रहा हो, तो उसका साथ देना तो दूर, बल्कि उसे तानों के माध्यम से बिगाड़ने की कोशिशें होने लगती हैं। हर राज्य और देश को आगे बढ़ाना है, तो सबसे पहले हमारी सोच नेक रहनी चाहिए।