प्रोजेक्ट को एक्सटेंशन, स्टाफ टर्मिनेट

विभाग के आदेशों के बाद सकते में आरसीएच कर्मचारी

शिमला  —  मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने व बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए केंद्र की ओर से आरसीएच कार्यक्रम का पहला चरण अक्तूबर 1997 में शुरू किया गया था। उसके बाद इसका दूसरा चरण चल रहा है। कार्यक्रम के इस चरण के तहत विभिन्न प्रदेशों के साथ हिमाचल में भी इस कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू किया गया। इसे चलाने के लिए कार्यक्रम के तहत विभिन्न श्रेणियों में सात पदों पर भर्तियां भी की गईं। हालांकि यह स्टाफ नियमित आधार पर भर्ती नहीं किया गया, लेकिन योजना के तहत प्रोजेक्ट को हर साल एक वर्ष की एक्सटेंशन दी जाती रही और साथ ही पहले से तैनात स्टाफ को भी यह एक्सटेंशन मिलती रही, लेकिन पहली मार्च, 2017 को सीटीआई निदेशक परिमहल शिमला की ओर से इस कार्यक्रम के तहत तैनात विभिन्न श्रेणी के स्टाफ को एक माह का टर्मिनेशन नोटिस जारी कर दिया गया था। इस नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि पहली अप्रैल को स्टाफ की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। इसके बाद आठ मार्च, 2017 को प्रोजेक्ट के तहत जहां पहले से सृजित पदों में फेरबदल किया गया, वहीं वेतन भी रिवाइज किया गया। इसके बाद आरसीएच कार्यक्रम को पहली अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2018 तक एक्सटेंशन दे दी गई, लेकिन इस बार स्टाफ को एक साल ही नहीं, महज दो माह की ही एक्सटेंशन दी गई। इन आदेशों के बाद स्टाफ सकते में हैं। इस बारे में हाल ही में आरसीएस के स्टाफ सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा था। प्रोजेक्ट के साथ काम कर रहे स्टाफ की मांग है कि पहले से काम कर रहे लोग अनुभवी हैं और लंबे समय से इस प्रोजेक्ट के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में टर्मिनेशन के आदेशों को रद्द किया जाना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि जो पद रिवाइज किए गए हैं, उसमें कुछ श्रेणी में पदों को कम कर दिया गया है।