बीबीएन में जुटीं 150 फार्मा यूनिट

मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कौशल विकास शिखर सम्मेलन

बीबीएन – लाइफ साइंस सेक्टर स्किल डिवेलपमेंट काउंसिल द्वारा  बद्दी में कौशल विकास शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में प्रदेश के 115 फार्मा मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम उद्योग विभाग, एफडीसीए-एचपी, सीआईआई, फोप, एचडीएमए, बीबीएन उद्योग संघ के सहयोग से आयोजित किया गया। सम्मेलन विनिर्माण इकाइयों में मौजूदा कार्यबल में कौशल उन्नयन और प्रमाणन पर केंद्रित था, जो कि सीडीएससीओ द्वारा अनिवार्य किया गया है। सम्मेलन में बताया गया कि कौशल उन्नयन की इस कवायद को एलएसएसएसडीसी द्वारा तैयार किए गए सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के तहत अमलीजामा पहनाया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत यह भी आकलन लिया जाएगा कि फार्मा विनिर्माण इकाइयों में कुशल कर्मचारियों की वास्तविक स्थिति क्या है और ये कर्मी गुणवत्ता मानकों की पालना करने में कितने सक्षम हैं। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हीं कर्मचारीयों को दवा/ बायो फार्मास्यूटिकल विनिर्माण इकाइयों में नियोजित किया जाए, जिसके पास प्रासंगिक क्षेत्र की औपचारिक डिप्लोमा, डिग्रियां या फिर व प्रशिक्षित हों। फार्मा सेक्टर के कर्मचारियों के सर्टिफिकेशन प्रोग्राम का जिम्मा एनएसडीसी के विंग लाइफ साइंस सेक्टर स्किल डिवेलपमेंट काउंसिल को सौंपा गया है। सम्मेलन के दौरान राज्य औषधि नियंत्रक नवनीत मारवाह, डीडीसी सीडीएससीओ बी के सामंतरा, कौशल विकास निगम के एमडी राजेश शर्मा,  फार्माक्सिल के बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश दुआ, सीआईआई संजय खुराना, फोप के वाइस चेयरमैन राजेश गुप्ता, एचडीएमए एमबी गोयल, राजेंद्र गुलेरिया, बी जे लांबा ने मौजूदा श्रमशक्ति कौशल प्रमाणन कार्यक्त्रम को समय की मांग करार दिया।

समस्याओं का समाधान

काउंसिल के सीईओ रंजीत मदन और निदेशक अंशुल सक्सेना ने कौशल प्रमाणन प्रक्रिया की व्याख्या की और मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों की शंकाओं का समाधान किया। काउंसिल ने मौजूदा श्रमशक्ति कौशल प्रमाणन कार्यक्रम में उन्हें समर्थन देने के लिए फार्मा और बायो फार्मा उद्योग जगत के साथ काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।