भू-स्खलन ने रोकी लाहुलियों की राह

पैदल दर्रा पार कर रहे लोग गुलाबा से वापस आए मनाली

मनाली – कदमताल कर घर की ओर जा रहे लाहुलियों की राह में रविवार सुबह भू-स्खलन रोड़ा बन गया। रोहतांग मार्ग के राहलाफाल में भू-स्खलन होने से उनकी कदमताल थम गई और उन्हें वापस मनाली जाना पड़ा। राहगीरों को उम्मीद थी कि पैदल सफर भी कम होगा और मंजिल भी करीब होगी, लेकिन मौसम की करवट बदलने से उनकी उम्मीद पर भी पानी फिर गया। बीआरओ रोहतांग दर्रे के दोनों छोर जोड़ने जा रहा था, लेकिन रोहतांग दर्रे में लगातार हो रही बर्फबारी से बीआरओ सहित राहगीरों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। बीआरओ चीफ  इंजीनियर रोहतांग दर्रे में वाहनों को हरी झंडी देने सोमवार को मनाली आ रहे थे, लेकिन मौसम की हालत देखते हुए उनका दौरा भी स्थगित हो गया है। हालांकि बीआरओ को रोहतांग दर्रे में मात्र कुछ मीटर ही बर्फ  हटाना शेष रह गई है, लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी से मार्ग बहाली पूर्ण रूप से प्रभावित हो गई है। मनाली की ओर से तो कोई दर्रा पार नहीं कर पाया, लेकिन कोकसर से 63 लोग दर्रा पारकर  मनाली पहुंचे। लाहुल की ओर से आने वाले राहगीरों को रोहतांग से लेकर गुलाबा तक लगभग 25 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। कोकसर बचाव चौकी प्रभारी लुदर ने बताया कि राहलाफाल के पास भू-स्खलन होने से मनाली की ओर से किसी ने भी दर्रा पार नहीं किया, लेकिन कोकसर से 63 लोगों ने दर्रा पार किया। उन्होंने बताया कि रविवार को भी रोहतांग दर्रे में रुक-रुक कर बर्फबारी का दौर चलता रहा। बीआरओ कार्यकारी कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल मयंक मेहता ने बताया कि मौसम बीआरओ की राह में बाधा बना है, लेकिन बीआरओ एक-दो दिन के भीतर रोहतांग दर्रा बहाल कर लेगा।