पानी के सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव, एक क्विंटल और मछलियां निकालीं
ये एहतियात बरतें
* झील किनारे गंदे पानी की निकासी के लिए बनाई गई नालियों की मरम्मत की जाए, क्योंकि नालियों में जमा मिट्टी की वजह से गंदा पानी बाहर निकलने की बजाय परिसर सड़क पर आकर फिर से झील में मिल रहा है। रिवालसर झील परिसर में मछलियों को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थ बेचने पर तुरंत रोक लगाई जाए। इसके साथ ही मछलियों को भी कुछ खिलाने पर बैन लगे।
* रिवालसर झील में मिलने वाले सभी नालों में चैकडैम बनाए जाएं, ताकि बाहर का सारा पानी झील में फिल्टर होकर आए।
* झील के साथ के सभी नालों में पानी साफ करने वाले रामबाण, बहणा और बान आदि पौधे लगाए जाएं। इसके अलावा परिसर में खाली स्थानों पर ऐसी घास लगाई जाए, जो कि झील को साफ रख सके। झील परिसर से अवैध कब्जे हटाए जाएं।
समिति सदस्यों पर दागे सवाल
कमेटी के दौरे के दौरान स्थानीय जनता ने भी कमेटी सदस्यों पर सवाल दाग दिए। लोगों ने सदस्यों से पूछा कि यह जांच मछलियों के लिए हो रही है या झील बचाने के लिए, क्योंकि लोगों का कहना था कि अगर झील बचेगी, तो ही मछलियां डाली जा सकेंगी। इस पर सदस्यों ने कन्नी काटते हुए कहा कि हमें सरकार की ओर से मछलियों की मौत के कारण तलाशने के लिए कहा गया है।