शिमला स्मार्ट या नहीं, 15 को फैसला

23 शहरों में जंग, नगर निगम ने भेजा है 2900 करोड़ का ड्राफ्ट प्लान

शिमला— पहाड़ों की रानी शिमला स्मार्ट सिटी बनेगी या नहीं, उस पर 15 मई को फैसला होगा। केंद्र की ओर से प्रदेश सरकार को जो सूचना जारी हुई है, उसके मुताबिक स्मार्ट सिटी के इस चरण में करीब 23 शहर दौड़ में हैं। नगर निगम शिमला की ओर से केंद्र को 2900 करोड़ का ड्राफ्ट प्लान तैयार कर केंद्र को भेजा है। अगर इस ड्राफ्ट प्लान को केंद्र मंजूर करता है तो शिमला स्मार्ट सिटी बन सकता है। बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रौद्योगिकी के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार करने और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर ऐसे शहरों को बढ़ावा देना है, जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करे। स्मार्ट सिटी में पर्याप्त पानी की आपूर्ति, निश्चित विद्युत आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता, कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन, किफायती आवास, विशेष रूप से गरीबों के लिए, सुदृढ़ आईटी कनेक्टिविटी और डिजिटलाइजेशन, सुशासन, विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी के अलावा, बढि़या पर्यावरण, नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा और स्वास्थ्य-शिक्षा जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।

पांच साल के लिए है योजना

स्मार्ट सिटी मिशन में 100 शहरों को शामिल किया गया था, लेकिन अब सात और कैपिटल सिटी को इसमें मौका दिया जाएगा।  इसकी अवधि पांच साल (वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2019-20) की होगी। मिशन के तहत जनवरी में 20 शहरों के नामों की घोषणा की गई थी। इसके बाद कुछ शहरों को दोबारा प्रापोजल भेजने को कहा गया था।