सुरक्षा में न हो चूक

( जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र )

विमान अपहरण की सूचना पर मुंबई, हैदराबाद व चेन्नई हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। देश के मुख्य हवाई अड्डों पर पुख्ता सुरक्षा के विषय में चौकन्ना रहना जरूरी है, ताकि कोई अपहरण या आक्रमण की सूचना मिलती है, तो हम हर वक्त उससे निपटने के लिए तैयार रह सकें। जब इस प्रकार की सूचनाएं प्राप्त होती हैं और उनके दावे झूठे साबित होते हैं, तो ऐसों के खिलाफ क्या कार्रवाई करनी चाहिए, उस पर विचार करना जरूरी है। सूचना मिलने पर सुरक्षाकर्मियों को उसकी जांच होने तक रुकना संभव नहीं होता। सूचना के अनुसार चलना यही अंतिम विकल्प उनके सामने रहता है, क्योंकि कई लोगों के जीवन का प्रश्न उससे जुड़ा होता है। उस समय बेहतर यही होता है कि दुश्मन को कोई मौका न देकर किसी को खतरे को टाला जा सके। विमान अपहरण की तकलीफ भारत पहले झेल चुका है। तब उसकी कीमत खतरनाक आतंकवादियों को छोड़कर चुकानी पड़ी थी। हम चाहे, तो उससे अप्रिय अनुभव से सीख लेते हुए भविष्य में इस तरह के हादसों से बच सकते हैं। नागरिकों की रक्षा को केंद्र में रखते हुए हवाई अड्डों को सुरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता में हो।