स्टाफ न होने से केंद्रीय स्वास्थ्य योजनाएं भी हो रहीं प्रभावित
धर्मशाला – हिमाचल प्रदेश में बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक के 1070 पद रिक्त चल रहे हैं। प्रदेश में 15 सालों में रिक्त पदों में से मात्र 57 कार्यकर्ताओं को ही भर्ती किया गया है, जबकि अन्य स्थानों के लिए अब तक कोई भर्ती नहीं की गई है। इस कारण केंद्रीय स्वास्थ्य सहित प्रदेश स्वास्थ्य योजनाएं भी पूरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। इसके चलते हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक संघ ने सरकार से रिक्त पदों को भरने की मांग उठाई है। बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हेम सिंह ठाकुर, राज्य उपाध्यक्ष नरवीर शर्मा, नीरा ठाकुर, रक्षपाल शर्मा, अजय शर्मा, शंकर देव, रवि दत्त, विजय, ओम प्रकाश, नरेश परमार, राकेश पठानिया, केके सहगल, सुभाष चंद और हैप्पी सिंह चौधरी का कहना है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं। उनका कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए वर्षाें से रिक्त पदों को भरने में ही सरकार ने अब तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। प्रदेश में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पिछले 15 सालों से मात्र 57 ही पद भरे गए हैं, जबकि 1070 पद अब भी रिक्त चल रहे हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर कार्य का अधिक बोझ पड़ रहा है। इससे स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यक्रम पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से नई भर्तियां किए जाने के साथ-साथ प्रशिक्षण प्रदान किए जाने की भी मांग उठाई है। उनका कहना है कि दसवीं पास प्रशिक्षित कार्यकर्ता लगभग प्रदेश में 300 के करीब हैं, उन्हें भी एकमुश्त छूट प्रदान कर भर्ती किया जाए। संघ ने अनुबंध कर्मचारियों का कार्यकाल पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष किए जाने का स्वागत किया है।