15 तक मांगें पूरी नहीं तो प्रदर्शन

राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग को दिया अल्टीमेटम

 धर्मशाला — हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षकों की लंबित मांगों पर शीघ्र ही निर्णय न लेने की स्थिति मे प्रदेश व्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी है। संघ ने अल्टीमेटम जारी करते हुए संघ के लंबित मुद्दों पर कार्रवाई हेतु 15 मई तक की समय सीमा तय कर दी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव नरेश महाजन, पैट्रन संजय मोगू, प्रवक्ता अश्वनी भट्ट व महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष कविता विजलवान सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि संघ द्वारा प्रधानाचार्यों का नियमितीकरण करने की मांग की जा रही है। इसके अलावा नई पेंशन योजना को हटा कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करना, 4-9-14 के वित्तीय लाभों को जारी करना, प्रारंभिक व उच्चतर शिक्षा निदेशालयों को जमीनी स्तर पर लागू करना, अध्यापकों को डाक्टरों की तर्ज पर नॉन टीचिंग अलाउंस देना व सभी उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में क्लर्क अथवा डाटा एंट्री आपरेटर के पद का सृजन करने की मांग उठाई गई है। साथ ही ग्रेड-पे लिए दो वर्षों की शर्त हटाना, शास्त्री व भाषा अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा देना, प्रायोगिक भत्ते की दरें बढ़ाना, उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार अर्जित अवकाश की 300 की सीमा को हटा कर रिटायरमेंट तक जोड़ना, डीपीए के पदों को सभी पाठशालाओं में सृजित करना, एसीपी के लिए सारे सेवाकाल में केवल तीन वेतन वृद्धियों तक सीमित न करना व प्रदेश में तीन शिक्षा निदेशालयों के गठन की मांग प्रमुख है। इसके अतिरिक्त संघ ने सभी लंबित विषयों पर वार्ता हेतु आमंत्रित किए जाने की भी मांग की है। अगर 15 मई तक सरकार व विभाग ने इस पर सकारात्मक पहल नहीं की तो संघ ने 15 मई के बाद आंदोलन करने की रणनीति तैयार की है।