एचपीयू में पुलिस से भिड़े एसएफआई कार्यकर्ता

‘कुलपति हटाओ-विश्वविद्यालय बचाओ’ मुहिम के दौरान बिगड़ी स्थिति

शिमला — हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर उतरी एसएफआई की गुरुवार को पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। गुरुवार को जब एसएफआई के कार्यकर्ता ‘कुलपति हटाओ-विश्वविद्यालय बचाओ’ आंदोलन की शुरुआत करते हुए कुलपति कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे तब कार्यालय के गेट पर सुरक्षा बल तैनात थे। एसएफआई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान कुलपति कार्यालय में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान छात्र और पुलिस की बीच धक्कामुक्की हो गई। पुलिस बल ने छात्रों को कुलपति कार्यालय में घुसने से रोका तो छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर ही धरना प्रदर्शन देते हुए कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस और छात्रों की बीच हुई भिडं़त के बाद मौके पर छात्रों को रोकने और स्थिति को संभालने के लिए क्विक रिएक्शन टीम को भी बुलाया गया। इसके बाद कड़े पुलिस पहरे और क्विक रिएशन टीम की तैनाती के बीच एसएफआई ने अपना धरना प्रदर्शन किया। एसएफआई ने ‘कुलपति हटाओ-विश्वविद्यालय बचाओ’ का नारा देते हुए इस विरोध प्रदर्शन में कुलपति एडीएन वाजपेयी के छह साल के कार्यकाल को भ्रष्टाचार और अराजकता फैलाने वाला बताया। एसएफआई सचिव नोबल ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति ने अपने निजी हितों को महत्त्व देते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। प्रो. एडीएन वाजपेयी ने विश्वविद्यालय की संपत्ति का उपयोग अपने व अपने परिवार की सुख-सुविधाओं के लिए किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के लगभग 15 कर्मचारियों को अपने घर पर रखा, विश्वविद्यालय की गाडि़यों का उपयोग अपने परिवार के लिए किया और अपनी बेटी की शादी के लिए विश्वविद्यालय की संपत्ति का उपयोग किया है। एसएफआई ने कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में 224 पीएचडी सीटों के लिए होने वाले प्रवेश परीक्षा में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रवेश परीक्षा के पेपर और उनका मूल्यांकन बाहर के विश्वविद्यालय में न करवाकर इसी विश्वविद्यालय के अध्यापकों द्वारा करवाया जा रहा है। एसएफआई ने कुलपति की अनुपस्थिति में रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि विश्वविद्यालय में फैली अराजकता और पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए प्रश्न पेपर बाहर के विश्वविद्यालय से लाए जाएं। एसएफआई ने मांग की है कि वर्तमान कुलपति का कार्यकाल 24 मई को खत्म होने जा रहा है और नए कुलपति की नियुक्ति विश्वविद्यालय में शीघ्र की जाए। नया कुलपति एक स्वच्छ छवि का व्यक्ति हो और विश्वविद्यालय को विकास और उन्नति की राह पर ले जाए।

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